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Wednesday, July 16, 2025

मंत्री आशीष पटेल ने झूठे इल्जामों को कहा राजनीतिक षड्यंत्र, इस्तीफे की दी धमकी

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मंत्री आशीष पटेल ने सोशल मीडिया पर डाला पोस्ट, राजनीतिक गलियारे में शुरू हुई चर्चा

लखनऊ

मंत्री आशीष पटेल की फेसबुक पर पोस्ट
मंत्री आशीष पटेल की फेसबुक पर पोस्ट

(प्रशांत कटियार)उत्तर प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा विभाग के डिप्लोमा विभागाध्यक्षों के पदों पर प्रमोशन के मामले में गड़बड़ी के आरोपों के बीच मंत्री आशीष पटेल ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने रविवार रात एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से कहा कि उनके खिलाफ तथ्यहीन और अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं, जिसे वह राजनीतिक हत्या की साजिश मानते हैं।मंत्री पटेल ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें निर्देश देंगे, तो वे तुरंत इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले की सीबीआई जांच की मांग भी की है। उनका कहना था कि उनके कार्यकाल में वंचित वर्ग के कर्मियों के हितों की रक्षा की गई है और उन्होंने सीबीआई से अपनी सभी निर्णयों की जांच कराने की भी पेशकश की।पटेल ने लिखा, “सभी को पता है कि इसके पीछे कौन है। ऐसे मिथ्या आरोपों से डरने वाले कोई और होंगे। हमारा दल वंचितों के हक की लड़ाई से पीछे नहीं हटेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि उनका दल सामाजिक न्याय की लड़ाई में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2014 से एनडीए का हिस्सा है।

 

अपना दल एस की भर्ती में SC-ST और OBC आरक्षण का उल्लंघन मे अनुप्रिया ने 27 जून को मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर सरकारी विभागों में भर्ती में SC-ST और OBC के आरक्षण नियमों के पालन न होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन वर्गों के योग्य अभ्यर्थियों की कमी के नाम पर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को पद दिए जा रहे हैं.प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल का विभाग के प्रमुख सचिव एम. देवराज के साथ विवाद हो गया। मंत्री ने देवराज द्वारा किए जा रहे तबादलों पर आपत्ति जताते हुए पत्रावली मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी, जिससे विभाग में तबादला सत्र प्रभावित हुआ।लखनऊ में सोनेलाल पटेल की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अनुप्रिया ने सरकारी भर्ती में SC-ST और OBC के आरक्षण का मुद्दा फिर से उठाया। उन्होंने लोकतंत्र में EVM की भूमिका पर भी सवाल उठाए. अनुप्रिया ने वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर अहरौरा में अतिरिक्त टोल बूथ लगाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि NHAI के नियमों के अनुसार एक टोल से दूसरे टोल के बीच की दूरी 40 किलोमीटर होनी चाहिए, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह नियम टूट रहा है। इन मुद्दों से टकरार बनी रही है

 

 

यह है विवाद..

 

प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष की सीधी भर्ती के बजाय 177 व्याख्याताओं को पदोन्नत किया गया, जिससे आरक्षित वर्ग को लाभ नहीं मिला। आरोप है कि यह नियमों के खिलाफ है। भाजपा विधायक मीनाक्षी सिंह ने मुख्यमंत्री और SIT को पत्र लिखकर 50 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता की जांच की मांग की है। आशीष पटेल के OSD ने भी इस्तीफा दे दिया है।

 

अपना दल (एस) की कमजोरी

 

अपना दल (एस) ने अब तक सभी चुनाव भाजपा के साथ गठबंधन में ही जीते हैं, जबकि अकेले चुनाव जीतने में असफल रहा है। पार्टी की मुखिया अनुप्रिया पटेल और अपनी मां, जो अपना दल (कमेरावादी) की मुखिया हैं, के बीच विवाद चल रहा है। भाजपा इस विवाद का लाभ उठाने की संभावना तलाश रही है।

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