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Sunday, April 20, 2025

बसपा को फिर से सत्ता में वापस लाएंगे, मायावती ने अपने जन्मदिन पर कार्यकर्ताओं से लिया संकल्प

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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख और पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती (Mayawati) ने अपने 69 वें जन्‍मदिन पर उन्‍होंने कहा कि देश में इंडिया गठबंधन का कोई भविष्य नहीं है। बसपा अपने दम पर ही चुनाव लड़ती रहेगी। गठबंधन का दौर धीमे धीमे ख़त्म होगा और बसपा का समय फिर आएगा। उन्‍होंने आरक्षण को लेकर कांग्रेस को जमकर घेरा। साथ ही भाजपा, सपा और आप भी निशाना साधा। दिल्‍ली विधानसभा चुनावों का उल्‍लेख करते हुए आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधा। मायावती ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे दिल्‍ली और उसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की मजबूती के लिए जुटें यही उनके जन्‍मदिन का असली तोहफा होगा। उन्‍होंने कहा कि दिल्‍ली सरकार और केंद्र सरकार की अपनी-अपनी संवैधानिक जिम्‍मेदारियां हैं लेकिन दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्‍यारोप में ही उलझी रहती हैं। ऐसे में इस चुनाव में जनता को आप, भाजपा और कांग्रेस के लुभावने वादों से बचाना होगा। इस मौके पर उन्होंने ‘मेरे संघर्षमय जीवन और बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा’ नाम की पुस्‍तक के नए एडिशन का लॉन्च भी किया।

मायावती ने कहा कि दिल्‍ली की जनता को यदि आप, केंद्र सरकार और कांग्रेस से मुक्ति चाहिए तो उन्‍हें बसपा के उम्‍मीदवारों का समर्थन और उन्‍हें जिताना होगा। बसपा सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि देश में सरकारी नौकरियों के आरक्षण को कोर्ट-कचहरी की आड़ में काफी हद तक निष्‍प्रभावी बनाया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि एससी-एसटी के साथ ओबीसी को भी आरक्षण का पूरा लाभ नहीं दिया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी ने तो सही समय आने पर इनके आरक्षण को ही खत्‍म कर देने का एलान ही कर दिया है। ऐसे में कांग्रेसयों द्वारा समय-समय पर नीले कपड़े पहनकर संविधान की प्रति दिखाना ढोंग नहीं तो और क्‍या है? मायावती की प्रेस कॉन्‍फ्रेन्‍स के दौरान उनके भतीजे और पार्टी के राष्‍ट्रीय कोआर्डिनेटर आकाश आनंद भी मौजूद रहे।

अपने जन्‍मदिन पर पार्टी कार्यालय पर बुलाई प्रेस कॉफ्रेन्‍स में मायावती काफी खुश नज़र आ रहीं थीं। उन्‍हाेंने पार्टी कार्यकर्तााओं को चेताते हुए कहा कि दूसरे दलों की नीति और नि‍यत साफ नहीं है। मायावती ने कहा कि यूपी में चार बार की बसपा सरकार ने गरीबों-दलितों के लिए जो योजनाएँ चलाई उनकी आज कई राज्‍य सरकारें नकल कर रही हैं। उन्‍होंने कहा कि विरोधी दल बसपा के आधार दलित वोट बैंक को तोड़ने के लिए साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपना रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि सपा, कांग्रेस, भाजपा इसमें लगी हैं। इनसें सावधान रहना जरूरी है। बसपा प्रमुख ने कहा कि ये सभी पार्टियां जातिवादी हैं। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर से लेकर सभी दलित चिंतकों की अवहेलना की गई। भाजपा भी पीछे नहीं है। उन्होंने कहा कि इनकी कथनी और करनी में काफी अंतर रहा है। उन्‍होंने कहा कि बसपा दिल्ली में अपने दम पर विधानसभा का चुनाव लड़ रही है। इसकी ज़िम्मेदारी राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर आकाश आनंद को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि बसपा बिहार में भी चुनाव पूरी दमदारी से लड़ेगी। मायावती ने कहा कि दलितों को बरगला कर उनका वोट लिया जाता है, लेकिन उन्हें दिया कुछ नहीं जाता है।

पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने कहा कि आज अल्पसंख्यक समुदाय भी दबा महसूस कर रहा है। जनता गरीबी और बेरोजगारी से परेशान हैं। उन्‍होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और दलितों को कांग्रेस, भाजपा और अन्य पार्टियों से सचेत रहने की नसीहत दी। इसके साथ ही कहा कि सभी को अपने मूवमेंट को आगे बढ़ाने में जुटना होगा। यही उनके जन्‍मदिन का असली तोहफा होगा।

हमारा जन्‍मदिन मनाने वाले संकल्‍प लें

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि भाजपा, सपा और कांग्रेस ये तीनों पार्टियां समय समय पर दलितों आदिवासियों और मुस्लिमों के साथ छल कर इनका वोट तो ले लेती है लेकिन देती कुछ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमने अपनी सरकारों में दलितों पिछड़ों को रोज़गार दिया है, लेकिन चुनाव के समय ये बहकावे में आ जाते हैं। इसलिए इनको सावधान रहने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि दलितों को अपनी राजनीतिक ताकत को पहचान कर बसपा का साथ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी के लोग आज जो हमारा जन्मदिन मना रहे वो संकल्प लें कि बसपा को फिर से सत्ता में वापस लाएंगे।

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