लखनऊ | यूथ इंडिया संवाददाता
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर बीजेपी और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर यह साफ कर दिया कि उनकी पार्टी संविधान और आरक्षण के मुद्दे पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी। साथ ही, उन्होंने योगी सरकार के आठ वर्षों के कार्यकाल को जनता की उम्मीदों पर खरा न उतरने वाला बताया।
मायावती ने पोस्ट में लिखा,
“कांग्रेस, बीजेपी और अन्य किसी भी पार्टी को उनके राजनीतिक स्वार्थ में, खासकर आरक्षण को लेकर हमारे देश के संविधान को किसी भी कीमत पर बदलने नहीं देंगे। जरूरत पड़ी तो बीएसपी इसके खिलाफ संघर्ष के लिए भी तैयार है।”
मायावती के इस बयान से यह साफ हो गया है कि आगामी लोकसभा चुनावों में बसपा संविधान और आरक्षण को बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है।
योगी सरकार के आठ वर्षों पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि यूपी सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है। खासतौर पर कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब रही है, जिससे जनता में भारी आक्रोश है।
मायावती ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के विचारों को दोहराते हुए कहा कि,
“मनुस्मृति को लेकर बाबा साहेब अंबेडकर को पूरा ज्ञान था। उनके अनुयायी होने के नाते मुझे भी इसका ज्ञान है। इसलिए, इस व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाकर बीएसपी की स्थापना की गई, यह सर्वविदित है।”
बसपा का मुख्य फोकस दलित, पिछड़ा और वंचित वर्ग रहा है। 2024 के लोकसभा चुनावों में मायावती इसी संविधान, आरक्षण और दलित अधिकारों को केंद्र में रखकर अपनी रणनीति साफ की
मायावती के इस बयान को 2024 लोकसभा चुनावों की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। उनका यह रुख यह दर्शाता है कि वह संविधान और दलितों के मुद्दे को लेकर आक्रामक रणनीति अपनाने जा रही हैं।
बसपा सुप्रीमो के इस बयान पर अभी तक बीजेपी और कांग्रेस की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन यह साफ है कि मायावती ने अपने समर्थकों को संदेश दे दिया है कि वह संविधान की रक्षा और दलितों के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखेंगी।