बलरामपुर: भ्रष्टाचार (corruption) के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए बलरामपुर (Balrampur) के पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर दो पुलिस कांस्टेबलों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। अधिकारियों ने रविवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि, इस कदम से न केवल पुलिस विभाग में अनुशासन और पारदर्शिता मजबूत हुई है, बल्कि यह कड़ा संदेश भी गया है कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बर्खास्त किए गए दोनों पुलिसकर्मी – कांस्टेबल ध्रुव चंद्र और कांस्टेबल राजू यादव – पहले कोतवाली जरवा थाने में तैनात थे। उनके खिलाफ 4 सितंबर, 2023 को मुकदमा अपराध संख्या 82/23, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7/13 के तहत अपने कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर 28,000 रुपये की अवैध वसूली करने का मामला दर्ज किया गया था। उनके कार्यों को पुलिस बल की छवि के लिए हानिकारक और जनता के विश्वास के विपरीत माना गया था।
मामले की सुनवाई गोरखपुर स्थित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत में हुई। साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने 21 जनवरी को दोनों सिपाहियों को दोषी करार दिया। अदालत के फैसले के बाद, विभागीय समीक्षा की गई, जिसमें पुष्टि हुई कि दोनों कर्मियों के आचरण ने पुलिस सेवा नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है।
इसके बाद, एसपी विकास कुमार ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ पद (दंड एवं अपील) नियमावली के तहत विभागीय कार्यवाही पूरी की। 22 नवंबर, 2025 को दोनों सिपाहियों को पुलिस सेवा से बर्खास्त करने के आदेश जारी किए गए। एसपी कुमार ने कहा कि पुलिसकर्मियों द्वारा भ्रष्टाचार में किसी भी तरह की संलिप्तता अवैध है और सीधे तौर पर जन सुरक्षा, विश्वास और कानून-व्यवस्था को नुकसान पहुँचाती है। इसलिए, ऐसे मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।


