कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोलकाता के बहुचर्चित आरजी कर रेप-मर्डर केस (Kolkata Rape-Murder Case) में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास किसी दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग करने का अधिकार नहीं है। वहीं, CBI की याचिका को स्वीकार कर लिया गया, जिसमें दोषी संजय रॉय के लिए सजा-ए-मौत की अपील की गई थी।
न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और एमडी सब्बार रशीदी की पीठ ने कहा कि चूंकि CBI इस मामले की अभियोजन एजेंसी थी, इसलिए उसे दोषी की सजा को चुनौती देने का अधिकार है। इससे पहले, 20 जनवरी को सियालदह कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ 27 जनवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी, जिसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
यह मामला 8-9 अगस्त 2024 की रात का है, जब आरजी कर हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर का रेप और हत्या कर दी गई थी। अगले दिन डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था। पुलिस ने जांच में CCTV फुटेज की मदद से संजय रॉय नाम के एक सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया था। इस घटना के बाद पूरे कोलकाता समेत देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिससे बंगाल में स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हुई थीं।
CBI के फैसले के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या अदालत दोषी को मृत्युदंड देगी या सजा बरकरार रहेगी। इस केस को लेकर पहले ही जनता में काफी आक्रोश था, और अब हाईकोर्ट के इस फैसले से न्याय की उम्मीद और भी बढ़ गई है।
यह मामला सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि समाज की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करता है। अदालत का अंतिम फैसला न केवल पीड़िता के परिवार के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि यह न्याय व्यवस्था में लोगों का भरोसा भी मजबूत करेगा।