यूथ इंडिया संवाददाता
अमृतपुर, फर्रुखाबाद। केंद्र सरकार के द्वारा मनरेगा की महत्वाकांक्षी योजना को इस लिए चलाया गया कि जिससे गरीबों को रोजगार मिल सके। लेकिन इन्हें मनरेगा माफियाओं के द्वारा अपने निजी कार्यों के लिए एक जरिया बना लिया गया जिसके कारण अब वह मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना से पैसा निकाल कर लूट मचाएं हुए हैं।
जिस पर ना ही खंड विकास अधिकारी बोलने को तैयार हैं ना ही ग्राम विकास अधिकारी विकासखंड राजेपुर के गांव किराचन में मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना में भ्रष्टाचार नजर आया है। जिसमें ग्राम प्रधान रविदास के पुत्र की ही मनरेगा के मास्टर रोल में जॉब कार्ड बनाकर हाजिरी चढ़ा दी ग्राम प्रधान यहीं तक नहीं रुके तथा अपने नाती व नाती की पत्नी व भाइयों को भी हाजिरी में चढ़ा दिया।
फिर भूतपूर्व प्रधान कहां मानने वाले थे उन्होंने भी पुत्र भाई व भांजे को मनरेगा के मास्टर रोल में चढ़ा दिया ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि सुरेंद्र पुत्र रविदास जो प्रधान का पुत्र है कीर्ति पत्नी सुरेंद्र हीरालाल पुत्र ऊधन रामऔतार पुत्र ऊधन जो प्रधान के भाई हैं।धर्मेंद्र पुत्र विजय बहादुर जो ग्राम प्रधान के नाती है राजकुमारी पत्नी धर्मेंद्र जो नाती की पत्नी है अरुण पुत्र रामस्वरूप गांव के ही पंचायत सहायक के पति भी मनरेगा जैसी योजना में पलीता लगाते हुए नजर आ रहे हैं तथा फर्जी मास्टर रोल में मिट्टी डालते हुए नजर आ रहे हैं। गांव किराचन के भूतपूर्व प्रधान पेशकार यादव का पुत्र गोविंद यादव भी मनरेगा में मिट्टी डालता हुआ नजर आ रहा है तथा भाई रामबहोरन रामरतन रामलखन पुत्र मंसाराम आदि भी इस मनरेगा के भ्रष्टाचार में लिप्त हैं बताया जा रहा है कि दिनांक 5/11/24 को 123 लेबर तथा 6/11/24 को 59 लेबर मनरेगा के मास्टर रोल में दौड़ा दिए गए लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है जिसमें जब ग्राम प्रधान व भूतपूर्व प्रधान के ही घर के मजदूर बन बैठे तो गांव के मजदूरों को मजदूरी मनरेगा में नौकरी कैसे मिलेगी ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि गांव में जो मनरेगा चल रहा है उसमें 20 से अधिक मजदूर नहीं चले हैं ग्राम प्रधान के द्वारा जमकर खेल किया जा रहा है। लेकिन इस बात पर विकासखंड के अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं। जिससे क्षेत्र में लगातार मनरेगा में भ्रष्टाचार फैल रहा है जिसके कारण प्रधानमंत्री के द्वारा चलाई गई की योजना को पलीता लगता नजर आ रहा है अब देखने वाली बात होगी कि संबंधित अधिकारी जांच कर क्या कार्रवाई करते हैं वहीं किस तरह पोर्टल पर फर्जी फोटो लगाए जाते हैं जो ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव के भी नहीं है।