यूथ इंडिया संवाददाता
गोरखपुर। जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ के व्यापक अभियान के तहत राज्य में स्वावलंबन का अर्थ परिभाषित कर रहे हैं, वहीं उनके गृह जनपद गोरखपुर के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में वार्डन अर्चना पांडे द्वारा छात्राओं के साथ बर्बरता की घटनाएं सामने आई हैं। वायरल वीडियो बेटियों की चीख के गवाह बन रहे।
छात्राओं के अनुसार, वार्डन उन्हें लगातार बुरी तरह मारती हैं और मानसिक उत्पीडऩ करती हैं, जिससे एक भयावह माहौल बना हुआ है। एक छात्रा ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “वार्डन हमें छोटी-छोटी बातों पर बुरी तरह पीटती हैं और मानसिक यातना देती हैं। हम डरे हुए हैं और पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहे।”
विद्यालय के अन्य स्टाफ सदस्यों ने भी इस स्थिति की पुष्टि की है और बताया कि वार्डन की उच्चाधिकारियों से साठ-गांठ होने की जानकारी है, जिसके चलते उनके खिलाफ की गई शिकायतों पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है।
यह घटनाएं न केवल छात्राओं बल्कि पूरे स्टाफ को भी परेशान कर रही हैं। इस प्रकार की अमानवीय घटनाओं के सामने आने के बाद, संबंधित अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा की जाती है ताकि छात्राओं को न्याय मिल सके और इस अत्याचार की रोकथाम हो सके।
स्थानीय अभिभावकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस मुद्दे पर आवाज उठाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और वार्डन के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें।
इस घटना ने गोरखपुर में शिक्षा और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और कैसे इन मासूम बच्चियों को न्याय दिलाने का प्रयास करता है।