यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। जिले में भ्रष्टाचार की स्थिति हर ओर हावी होती जा रही है। सरकारी विभागों से लेकर स्थानीय प्रशासन तक, हर जगह घूसखोरी और रिश्वतखोरी के मामले आम हो गए हैं। इस कारण आम जनता को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि प्रशासन मौन साधे हुए है।
सरकारी विभागों में बढ़ते भ्रष्टाचार के आंकड़े
सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के मामलों में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। एक हालिया सर्वे के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में जिले में भ्रष्टाचार के मामलों में 40त्न की वृद्धि हुई है। इनमें से अधिकतर मामले पंचायत स्तर, भूमि अभिलेख कार्यालय, बिजली विभाग, और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हुए हैं।
– पंचायत स्तर पर: 2021 में 120 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2023 में बढक़र 170 हो गए हैं।
– भूमि अभिलेख कार्यालय में: 2021 में 85 मामले थे, जो 2023 में बढक़र 130 हो गए हैं।
– बिजली विभाग में: 2021 में 75 मामले थे, जो 2023 में 110 तक पहुंच गए हैं।
– स्वास्थ्य विभाग में: 2021 में 60 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2023 में 100 हो गए हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बिना रिश्वत दिए कोई भी काम नहीं हो रहा है। चाहे वह जमीन के कागजात बनवाना हो या फिर बिजली का कनेक्शन लेना, हर जगह पैसे की मांग की जा रही है। कई लोगों ने बताया कि उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों की शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जिले डीएम डाक्टर वी के सिंह तो मीडिया से बात नही करते इस बारे में अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन जनता का कहना है कि जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है। शिकायतों का निस्तारण नहीं हो रहा है और दोषी अधिकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए आवश्यक है कि एक प्रभावी निगरानी तंत्र स्थापित किया जाए। साथ ही, भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाए जाने चाहिए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
जिले में भ्रष्टाचार की स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। अगर समय रहते प्रशासन इस पर कड़ी कार्रवाई नहीं करता, तो यह जनता के लिए और भी बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। जनता को जागरूक होने की जरूरत है और भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने की आवश्यकता है।