– निष्पक्ष जांच के लिए अंतरिम राहत–
डब्बन दुबे के मामले के सरकार पर नर्म हुई शीर्ष अदालत
नई दिल्ली, फर्रुखाबाद।गैंगस्टर और माफिया अनुपम दुबे के भाई अनुराग दुबे उर्फ डब्बन के मामले में सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष सुना। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने फर्रुखाबाद पुलिस को निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने डब्बन की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाते हुए कहा कि अदालत ने केवल निष्पक्ष विवेचना के लिए सुरक्षा दी है, अपराध का लाइसेंस नहीं।सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पुलिस सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक, लंच टाइम को छोड़कर, अनुराग दुबे से पूछताछ करे। अभियुक्त को जांच में सहयोग करना होगा और किसी भी प्रकार की अवमानना न करने की चेतावनी दी गई है।
सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता समेत सरकारी वकील मौजूद रहे। फर्रुखाबाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी इस मामले में कोर्ट के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए मौजूद रहे।
पीठ ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि यह सुनिश्चित करना होगा कि अभियुक्त को निष्पक्ष विवेचना मिले। साथ ही, उन्होंने राज्य पुलिस को आगाह किया था,कि अगर किसी तरह से अभियुक्त के साथ अन्याय न हो। कोर्ट ने कहा, “हमने अपराध का लाइसेंस नहीं दिया, बल्कि निष्पक्षता की गारंटी दी है।”
अनुराग दुबे पर फर्रुखाबाद जिले में कई गंभीर धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें गैंगस्टर एक्ट भी शामिल है।गैंगस्टर डब्बन अपने जैसा ही आदेश अपने छोटे भाई के लिए भी चाहता था,लेकिन कोर्ट ने राहत नहीं दी।
फर्रुखाबाद पुलिस ने अनुराग दुबे के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की हैं और गिरफ्तारी की प्रक्रिया में थी।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2025 के पहले सप्ताह में होने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि विवेचना पूरी तरह निष्पक्ष होगी।
यह मामला फर्रुखाबाद में चर्चित बना हुआ है, और स्थानीय लोगों के बीच प्रशासन की कार्रवाई और कोर्ट के निर्णय को लेकर व्यापक चर्चा है।