नई दिल्ली। शाही जामा मस्जिद में दोबारा सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा को लेकर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कन्नौज सांसद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे “सरकार की नाकामी और साजिश” बताया। उन्होंने कहा कि इस घटना का उद्देश्य चुनावी धांधली और सरकार की विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाना है।
सर्वेक्षण के दौरान हिंसा में पांच की मौत, सैकड़ों पर मुकदमा दर्ज
अखिलेश यादव ने दावा किया कि पुलिस ने सरकारी और निजी हथियारों का इस्तेमाल करते हुए भीड़ पर गोलियां चलाईं, जिसमें पांच युवाओं की जान चली गई। उन्होंने इसे बेहद दुखद और निंदनीय बताया। सपा प्रमुख ने यह भी सवाल उठाया कि जब सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क घटना के समय बेंगलुरु में थे, तो उनके खिलाफ एफआईआर कैसे दर्ज की गई।
घटना के बाद प्रशासन ने अब तक सात मुकदमे दर्ज किए हैं और 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, 2750 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। जिला प्रशासन ने इलाके में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है, ताकि शांति व्यवस्था बहाल की जा सके।
सोची-समझी साजिश
अखिलेश यादव ने कहा कि जब मस्जिद का सर्वेक्षण पहले ही हो चुका था, तो दूसरा सर्वेक्षण क्यों किया गया? उन्होंने इसे प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाते हुए सोची-समझी साजिश करार दिया। सपा ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि दोषियों को सजा मिल सके।
इस घटना ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने सरकार पर तीखे हमले किए हैं। सपा ने 12 नेताओं की एक टीम को जांच के लिए संभल भेजने का ऐलान किया है।
लोकसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “यह घटना प्रशासन की विफलता और भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का नतीजा है।”
घटना के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। प्रभावित क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।