लखनऊ: वृंदावन के कथावाचक अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) के महिलाओं को लेकर दिए गए विवादित बयान ने राजनीतिक और बुद्धिजीवी (political and intellectual) हलकों में तीखी प्रतिक्रिया पैदा कर दी है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक इस बयान का विरोध हो रहा है। उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है और समाज में गलत संदेश देता है।
उन्होंने कहा, “या तो इनमें बुद्धि नहीं है या इन्हें कम समय में शोहरत मिल गई है, विनाश काले विपरीत बुद्धि। माफी मांगने से काम नहीं चलेगा, इन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इस विवाद पर कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि, “अनिरुद्धाचार्य का बयान बेहद निंदनीय है। भाजपा और आरएसएस हमेशा ऐसे लोगों का बचाव करते हैं जो महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करते हैं, क्योंकि वे महिलाओं का सम्मान नहीं करते।
फिलहाल इस विवाद को लेकर माहौल गरम है और सामाजिक संगठनों के साथ कई महिला अधिकार कार्यकर्ता भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। फर्रूखाबाद और लखनऊ से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र यूथ इंडिया के सम्पादक शरद कटियार ने तो उक्त अपमानजनक अभद्र टिप्पणी से आहत होकर कहा कि कथावाचक ज्ञान विज्ञान का भंडार होता है, समाज उनके ज्ञान और व्यवहार से प्रेरणा लेता है।
शरद कटियार ने कहा की वृंदावन तो राधा जी की महिमा से आच्छादित है। अनिरुद्धाचार्य की टिप्पड़ी पूर्ण रूप से असामाजिक है। ऐसे कथावाचकों का तो पूर्ण बहिष्कार होना चाहिए और इन्हे संवैधानिक सजा मिलनी चाहिए। यह सम्मान के नहीं तिरस्कार और सजा के हक़दार है। सोनार जाति के अग्रणी संगठन राष्ट्रीय स्वर्णकार मंच के संस्थापक अजय कुमार स्वर्णकार ने अनिरुद्धाचार्य के वक्तव्य की कड़ी निंदा की और भर्त्स्ना करते हुए कहा की इनकी टिप्पड़ी सनातन धर्म का अपमान है, अनिरुद्धाचार्य मोदी और योगी के महिला शशक्तिकरण का मज़ाक उड़ा रहे है। जबकि इनकी सभा में आने वाली भीड़ में महिलाओं और बालिकाओं की संख्या अधिक होती है।


