फर्रुखाबाद: फर्रुखाबाद जिले में कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। थाना नवाबगंज के अंतर्गत एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक दरोगा पर रिश्वत लेकर दहेज प्रताड़ना के मुकदमे (case) को दबाने का आरोप लगाया गया है। पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक (SP) से मुकदमे की निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई है और विवेचना (investigation) किसी अन्य थाने को सौंपने की मांग की है।
पीड़ित अनिल कुमार गुप्ता निवासी बूरावाली गली, सुदामा नगर, कोतवाली फर्रुखाबाद ने एसपी को सौंपे गए शिकायती पत्र में बताया कि उन्होंने अपनी बेटी सोनू गुप्ता की शादी वर्ष 2024 में हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार नीरज गुप्ता (पुत्र विनोद कुमार गुप्ता, निवासी ग्राम व थाना नवाबगंज) से की थी। शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष द्वारा अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर उनकी बेटी को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था।
मीडिएशन के नाम पर रिश्वत, फिर मुकदमे को दबाने की कोशिश
अनिल गुप्ता का आरोप है कि जब उन्होंने थाना नवाबगंज में शिकायत की, तो उन्हें बताया गया कि पहले मीडिएशन होगी, फिर रिपोर्ट लिखी जाएगी। महीनों इंतजार के बाद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वे स्वयं थाने गए। वहां कस्बा चौकी इंचार्ज ग्रीश कुमार ने कथित तौर पर 5000 रुपये की मांग की, जिसमें से 3000 रुपये लेकर मीडिएशन के लिए फाइल भेजी गई। दो महीने तक मीडिएशन चला, लेकिन समझौता नहीं हो सका।
मीडिएशन असफल होने पर फाइल पुनः थाने पहुंची, तब थानेदार ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। मगर ग्रीश कुमार ने कथित रूप से 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। पीड़ित के अनुसार, मजबूरी में उन्होंने 10 हजार रुपये दे दिए, तब जाकर एफआईआर दर्ज हुई। इसके बाद भी ग्रीश कुमार शेष रकम की मांग करते रहे।
सबसे गंभीर आरोप यह है कि दरोगा ग्रीश कुमार ने कथित रूप से मुकदमा खत्म करने के लिए विरोधी पक्ष से 50 हजार रुपये में सौदा कर लिया है। पीड़ित अनिल गुप्ता का कहना है कि जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई, तो दरोगा ने कहा कि “मुकदमे थाने में ही लिखे जाते हैं और वहीं खत्म भी कर दिए जाते हैं।”
पीड़ित ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पुलिस अधीक्षक से निवेदन किया है कि मुकदमे की विवेचना थाना नवाबगंज से हटाकर किसी अन्य थाने को सौंपी जाए, ताकि न्याय मिल सके। पीड़ित का कहना है कि उन्हें थाना नवाबगंज से किसी भी प्रकार की निष्पक्षता की उम्मीद नहीं है।