वाशिंगटन/नई दिल्ली। अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन को अमेरिका से स्वैच्छिक निर्वासन के तहत देश छोड़ना पड़ा। अमेरिकी विदेश विभाग ने 5 मार्च 2025 को उनका वीजा रद्द कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने खुद 11 मार्च को CBP (कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन) ऐप के जरिए भारत लौटने का विकल्प चुना।
अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने बयान जारी कर कहा कि रंजनी श्रीनिवासन शहरी नियोजन में डॉक्टरेट कर रही थीं और F-1 छात्र वीज़ा पर अमेरिका आई थीं। उन पर आतंकी संगठन हमास के समर्थन वाली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। DHS की प्रमुख क्रिस्टी नोएम ने कहा,
“अमेरिका में रहने और पढ़ने के लिए वीज़ा मिलना एक विशेषाधिकार है। लेकिन जब आप हिंसा और आतंकवाद का समर्थन करेंगे, तो उस विशेषाधिकार को रद्द कर दिया जाना चाहिए।”
रंजनी श्रीनिवासन का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह काले कपड़ों में एयरपोर्ट पर भागते हुए नजर आ रही हैं। DHS के मुताबिक, उन्होंने CBP ऐप के जरिए खुद को स्वैच्छिक निर्वासन के लिए पंजीकृत किया और भारत लौट गईं।
जानकारी के मुताबिक, रंजनी श्रीनिवासन इससे पहले हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुकी हैं और भारत में अहमदाबाद के CEPT विश्वविद्यालय से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की थी। उनके सोशल मीडिया पोस्ट और लेखों में ब्राह्मणवादी मानसिकता की आलोचना देखने को मिली है।
हाल ही में कोलंबिया विश्वविद्यालय में छात्रों ने फिलिस्तीन समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया था, जिससे वहां संघीय फंडिंग में कटौती तक की नौबत आ गई थी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि रंजनी श्रीनिवासन इन प्रदर्शनों में शामिल थीं या नहीं।