पेरिस पैरालंपिक (Paris Paralympics) में भारत 1960 से हिस्सा लेता आ रहा है। लेकिन, साल 2024 में जो हुआ है वो एक नया इतिहास है। 2024 में भारत ने 6 दिन के भीतर ही अपने सबसे ज्यादा मेडल जीतने के 64 सालों का रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इस एडिशन में भारतीय पैराएथलीटों ने 20 मेडल जीते हैं। जिसमें 5 मेडल छठे दिन आए। इसी के साथ ही टोक्यो पैरालंपिक 2020 में 19 मेडल जीतने का रिकॉर्ड टूट गया है।
पेरिस पैरालंपिक (Paris Paralympics) 2024 के छठे दिन भारत ने 20 मेडल अपने नाम किए हैं, उनमें 3 गोल्ड मेडल, 7 सिल्वर मेडल और 10 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। भारत ने एथलेटिक्स में सबसे ज्यादा 10 मेडल, बैडमिंटन में 5 मेडल, शूटिंग में 4 मेडल और तीरंदाजी में एक मेडल जीता है।
भारत ने 3 सितंबर यानी छठे दिन दीप्ति जीवनजी, शरद कुमार, मरियप्पन थंगावेलु, अजीत सिंह और सुंदर गुर्जर ने 5 मेडल दिलाए। इसी के साथ भारतीय पैराएथलीटों ने पैरालंपिक गेम्स के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
इन खिलाड़ियों ने लिखी 10 मेडल की कहानी
पेरिस पैरालंपिक (Paris Paralympics) में भारत के लिए एथलेटिक्स के पहले दो मेडल प्रीति पाल ने जीते। उन्होंने महिलाओं की 100 मीटर और 200 मीटर T35 इवेंट में ब्रॉन्ज पर कब्जा किया। भारत को तीसरा मेडल एथलेटिक्स में निषाद कुमार ने दिलाया। उन्होंने पुरुषों के हाई जंप T47 इवेंट में सिल्वर जीता। चौथा मेडल योगेश काथुनिया ने मेंस डिस्कस थ्रो F56 इवेंट में सिल्वर के तौर पर दिलाया।
पांचवां मेडल गोल्ड मेडल के तौर पर आया, जिसे जीतने वाले मेंस जैवलिन थो F64 इवेंट में सुमित अंतिल रहे। छठा मेडल दीप्ति जीवांजी ने महिलाओं की 400 मीटर T20 इवेंट में दिलाया। वहीं 7वां मेडल एथलेटिक्स में भारत को शरद कुमार के मेंस हाई जंप T63 इवेंट में सिल्वर जीतने से मिला।
इसी इवेंट में मरियप्पन थांगेवेलु के ब्रॉन्ज जीतने से भारत को 8वां मेडल मिला। भारत के लिए 9वां और 10वां मेडल पुरुषों के जैवलिन थ्रो F46 इवेंट में अजीत सिंह और सुंदर सिंह गुर्जर ने जीता। अजीत ने सिल्वर तो सुंदर ने ब्रॉन्ज पर कब्जा किया।