लखनऊ: उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) ने एक बार फिर अवैध धर्मांतरण (Illegal conversion) के नेटवर्क को उजागर करते हुए बड़ी कार्रवाई की है। बलरामपुर जिले के मधुबन इलाके में पिछले साल दर्ज मुकदमे की जांच के बाद यह सामने आया है कि एक व्यक्ति छांगुर (Changur) ने कथित तौर पर विदेशी फंडिंग के सहारे धर्मांतरण का संगठित सिंडिकेट खड़ा किया था।
सूत्रों के अनुसार, छांगुर की तलाश एटीएस पिछले दो वर्षों से कर रही थी। इस दौरान यह खुलासा हुआ कि वह माधोपुर में चांद औरैया दरगाह के पास परिवार समेत करीब 40 लोगों के साथ रह रहा था। छांगुर खुद को ‘पीर बाबा’, ‘सूफी’ और ‘जलालुद्दीन’ के नाम से प्रचारित करता था और हर साल उर्स आयोजित करता था, जिसमें विदेशों से लोग शामिल होते थे।
जानकारी के मुताबिक, छांगुर विदेशी फंडिंग की मदद से ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहा था। उसके आलीशान कोठी को ट्रेनिंग कैंप के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था। एटीएस और लोकल पुलिस की संयुक्त जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर के इशारे पर कई लोगों ने इस्लाम धर्म स्वीकार किया। इस मामले में एटीएस ने पहले ही पीर साहब, नसरीन और महबूब के खिलाफ केस दर्ज किया था। छांगुर के 7 अलग-अलग बैंक खातों का भी खुलासा हुआ है, जिनमें विदेश से करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ।
पूरे नेटवर्क की तह तक पहुंचने के लिए जांच एजेंसियां अब फंडिंग के स्रोत, नेटवर्क के अन्य सदस्यों और प्रशिक्षण गतिविधियों की गहराई से जांच कर रही हैं। धर्मांतरण से जुड़े इस संगठित प्रयास पर सुरक्षा एजेंसियों की पैनी नजर बनी हुई है।