सत्र न्यायालय ने दिलीप उर्फ विजय को भेजा जेल, ससुर और सास साक्ष्य के अभाव में बरी
फर्रुखाबाद: अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश विशेष ईसी एक्ट न्यायाधीश तरुण कुमार सिंह की अदालत ने बहुचर्चित दहेज हत्या (dowry death) प्रकरण में पति दिलीप कुमार उर्फ विजय कुमार पुत्र सतीश चंद्र निवासी गदनपुर देवराजपुर, कमालगंज को दोषी (Husband found guilty) करार दिया है। अदालत ने दोष सिद्ध होने पर उसे न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। सजा पर सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तिथि निर्धारित की गई है।
2011 में दर्ज हुआ था मुकदमा
मामला लगभग 12 वर्ष पुराना है। थाना कमालगंज पुलिस को 5 अप्रैल 2011 को सेंगरमऊ, कन्नौज निवासी चंद्रशेखर ने तहरीर देकर बताया था कि उसकी भतीजी चित्रा की शादी 18 जुलाई 2010 को दिलीप के साथ हुई थी। विवाह में सामर्थ्य अनुसार दान-दहेज दिया गया, परंतु दिलीप, उसके पिता सतीश चंद्र और माता माया देवी पल्सर मोटरसाइकिल व 50 हजार रुपये नकद की अतिरिक्त मांग को लेकर चित्रा का उत्पीड़न करते थे।
चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि चौथी विदाई के समय भी दहेज की मांग की गई। शादी के करीब आठ माह बाद, 4 अप्रैल 2011 को चित्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने ससुराल पक्ष पर हत्या कर शव को लटकाने का आरोप लगाया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना की और साक्ष्यों के आधार पर दिलीप व उसके पिता सतीश चंद्र के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। वहीं, न्यायालय ने धारा 319 के तहत माया देवी को भी तलब किया था।
मामले की सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता अखिलेश कुमार राजपूत व श्रवण कुमार ने अभियोजन पक्ष की ओर से सशक्त पैरवी की। बचाव पक्ष की दलीलों और उपलब्ध साक्ष्यों पर विचार करने के बाद न्यायाधीश तरुण कुमार सिंह ने पति दिलीप उर्फ विजय को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया, जबकि साक्ष्य के अभाव में ससुर सतीश चंद्र और माया देवी को दोषमुक्त कर दिया।