नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए स्पष्ट किया कि संसद द्वारा पारित कानून सभी नागरिकों के लिए बाध्यकारी हैं और इसे सभी को स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा कि इस कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय को अधिक लाभ मिले।
गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए अल्पसंख्यकों के बीच भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि वक्फ कानून में संशोधन का उद्देश्य धार्मिक संस्थानों की संपत्तियों की सुरक्षा और सुशासन सुनिश्चित करना है, न कि किसी समुदाय के अधिकारों को प्रभावित करना।
अमित शाह ने कहा कि नए प्रावधानों के तहत वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को अनियमित रूप से बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि इन संपत्तियों का उपयोग अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण और शिक्षा के लिए हो।
गृह मंत्री ने दक्षिणी राज्यों के कुछ सांसदों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो नेता इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं, वे अपने क्षेत्रों में चर्चों और अन्य धार्मिक संगठनों की नाराजगी झेल सकते हैं। उन्होंने बताया कि कैथोलिक बिशप संगठनों ने इस कानून का समर्थन किया है, जिससे यह साबित होता है कि यह विधेयक निष्पक्ष है।
अमित शाह ने कहा कि यह भारत सरकार का कानून है और इसे सभी को स्वीकार करना होगा। उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार किसी भी प्रकार की अफवाहों और भ्रामक प्रचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह संशोधन किसी भी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि पारदर्शी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है।