यूथ इण्डिया संवाददाता
फर्रूखाबाद। 14 साल पहले शराब के नशे में हुए विवाद के दौरान एक ग्रामीण की हत्या करने के मामले में एडीजे सप्तम अंकित कुमार मित्तल ने एक आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। आरोपी पर 26,000 का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं, साक्ष्य के अभाव में दो अन्य आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया।
मामला कमालगंज थाना क्षेत्र के गांव महमदगंज का है। 19 जून 2011 को गांव वसायकपुर निवासी लज्जाराम यादव के यहां नौटंकी का कार्यक्रम चल रहा था। इसी दौरान गांव के ही रामतीर्थ, सतीश और वसायकपुर के पप्पू उर्फ जसवंत एक साथ शराब पी रहे थे। कुछ देर बाद पप्पू और मानसिंह के बीच विवाद हो गया। शोर-शराबा सुनकर गांव के कश्मीर सिंह और राजीव उर्फ बब्बा बीच-बचाव करने पहुंचे। तभी रामतीर्थ और पप्पू ने राजीव को पकड़ लिया और डंडे व खंमिया से हमला कर उसकी हत्या कर दी। घटना के बाद आरोपी धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए।
मृतक के भाई अनंगपाल ने तीन लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच के बाद पप्पू उर्फ जसवंत, रामतीर्थ और सतीश के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।
मामले की सुनवाई के दौरान गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने पप्पू उर्फ जसवंत को दोषी ठहराया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा ?26,000 का जुर्माना लगाया गया, जिसे न देने पर छह माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं, रामतीर्थ और सतीश को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया।
हत्या के दोषी को उम्रकैद, दो आरोपी साक्ष्य के आभाव में बरी
