भगवान श्रीकृष्ण के अग्रज बलदाऊजी का प्रकटोत्सव हलषष्ठी पर्व (हरछठ) (Halshasthi) 25 अगस्त को मनाया जाएगा। हरछठ का व्रत संतान की दीर्घ आयु और उनकी सम्पन्नता के लिए किया जाता है। माताएं संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखकर पूजा करेंगी।
उदयातिथि से 25 अगस्त को
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी 25 अगस्त को है। इसे बलराम जयंती और ललही छठ (Halshasthi) के नाम से भी जाना जाता है। साल में तीन बार छठ का पर्व मनाया जाता है। इसमें ललही छठ, चैती छठ और कार्तिक माह में आने वाली बड़ी छठ शामिल है।
हिंदू धर्म में संतान की तरक्की, सुख-शांति के लिए छठ का पर्व खास माना गया है। ज्योतिषाचार्य दुबे के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 24 अगस्त को दोपहर 12:38 बजे शुरू होगी।
अगले दिन 25 अगस्त को सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर समापन होगा। सप्तमी से जुड़ी तिथि पर हलषष्ठी (Halshasthi) मनाई जाती है। इसलिए 25 अगस्त को ही हलषष्ठी व्रत मनाया जाएगा।