यूथ इंडिया संवाददाता
अमृतपुर, फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के दावे चाहे करती हो लेकिन धरातल पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा सडक़े गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं उससे साफ जाहिर होता है कि विकास के दावे को जो आईना दिखाया जा रहा है वह कागजी कार्रवाई तक ही सीमित है। अधिकारी कर्मचारी मोटी सैलरी लेकर अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने से पीछे रहते हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य या तो हो नहीं पाते या फिर घटिया तरीके से कराए जाते हैं। अमैयापुर पश्चिमी जाने वाला संपर्क मार्ग पिछले दो वर्षों से पूरी तरीके से जर्जर हो चुका है। ग्रामीणों द्वारा कई बार इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर अधिकारियों के दरबार तक की गई। परंतु कोई नतीजा हासिल नहीं हुआ। अब इस संपर्क मार्ग पर गहरे गड्ढे हो चुके हैं और उन गड्ढे में पानी भरा हुआ है। बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते बीमार परेशान व्यक्ति इस मार्ग से नहीं निकल पाता और बुजुर्ग जब यहां से निकलते हैं तो या तो फिसल जाते हैं या फिर उधर से नहीं निकल नहीं पाते। इसी गांव के रहने वाले पुष्पेंद्र सिंह शिवदत्त राजपूत सोबरन सिंह अनंत राम राकेश आदि ने बताया कि उन्होंने इस सडक़ के पुनर्निर्माण के लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारियों का भी दरवाजा खटखटाया परंतु कोई नतीजा हासिल नहीं हुआ। विकास की डुगडुगी पीट कर चुनाव में वोट हासिल करने वाले जनप्रतिनिधि भी अब ग्रामीणों की इस समस्या को नहीं सुनते। ऐसे में जनप्रतिनिधियों के सहारे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गंगा बहाने के सरकार के दावे खोखले नजर आते हैं। जिसके कारण आम जनता कठिनाइयों का सामना झेल रही है।