– गैंगस्टर एक्ट के मामले में चल रही थी सजा, लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मिली जमानत
फर्रुखाबाद: मोहम्मदाबाद नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन (Former Chairman) अशोक यादव उर्फ ललुआ (Ashok Yadav-Lalua) को आखिरकार हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। लंबे समय से जेल में बंद ललुआ को अदालत ने जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी किए, जिसके बाद बुधवार को वह जेल से बाहर आ गए।
अदालत में दायर अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति ने अभियुक्त की जमानत याचिका पर फैसला सुनाया। न्यायालय ने कहा कि अपील लंबित रहने के दौरान, सजा निलंबन और जमानत का यह मामला विचारणीय है। अदालत ने यह भी नोट किया कि अभियुक्त के खिलाफ दर्ज 21 मामलों में से 18 में वह पहले ही बरी हो चुका है, और कुछ मामलों में आरोप दोहराए गए हैं।
इन तथ्यों को देखते हुए अदालत ने कहा कि “मामले की प्रकृति और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपील की अवधि में जमानत प्रदान करना उचित प्रतीत होता है।” इसके साथ ही अदालत ने आदेश दिया कि अभियुक्त अशोक यादव उर्फ ललुआ को दो जमानतदारों और एक व्यक्तिगत मुचलके पर रिहा किया जाए, जिसमें एक जमानतदार उनके परिवार का सदस्य होना आवश्यक है।
28 अक्टूबर 2025 को जारी आदेश के अनुसार, रिहाई की प्रक्रिया पूरी कर अदालत के निर्देशानुसार फोटोकॉपी रिकॉर्ड पर रखी जाएगी। ललुआ की रिहाई की खबर मिलते ही मोहम्मदाबाद क्षेत्र में उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। समर्थकों ने उनके जेल से बाहर आने पर मिठाइयां बांटीं और पटाखे फोड़े।
स्थानीय लोगों के अनुसार, अशोक यादव का नगर राजनीति में काफी प्रभाव रहा है और वे लंबे समय तक मोहम्मदाबाद नगर पंचायत के चेयरमैन रहे हैं। उनकी रिहाई को लेकर समर्थक इसे “न्याय की जीत” बता रहे हैं।


