– डीएम की आकस्मिक छापेमारी से हड़कंप
फर्रूखाबाद। जिले के स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत को परखने के लिए जिलाधिकारी अशुतोष कुमार द्विवेदी ने मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बरौन का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं से न केवल जिला प्रशासन की आंखें खुलीं, बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों को भी सख्त चेतावनी मिली।
निरीक्षण के समय सीएचसी में कुल 49 मरीजों का पंजीकरण उपचार हेतु पाया गया। हालांकि, प्राथमिक चिकित्साधिकारी का कक्ष अत्यंत गंदा मिला, जिसकी कुर्सियों और मेजों पर धूल की मोटी परत जमी थी। यही नहीं, अस्पताल परिसर में जगह-जगह पान-तंबाकू की पीक देखी गई, जबकि शौचालय टूटे-फूटे और अत्यधिक गंदे पाए गए। वार्ड की हालत भी कम चिंताजनक नहीं रही—बेडशीट गंदगी से भरी थीं और खिड़कियों के कांच टूटे हुए थे।
प्राथमिक जिम्मेदार अनुपस्थित
निरीक्षण के दौरान एएनएम मनोरमा शाक्य अनुपस्थित पाई गईं। सफाई की बिगड़ी व्यवस्था पर पूछताछ करने पर प्रभार में तैनात चिकित्साधिकारी ने बताया कि नवंबर 2024 से कोई सफाई कर्मी सीएचसी नहीं आ रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने तीखी नाराजगी जताते हुए निर्देशित किया कि अगले 48 घंटों के भीतर पूरी सीएचसी की सफाई सुनिश्चित की जाए, अन्यथा जिम्मेदारों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी द्वारा सीएचसी के दवा स्टोर का भी निरीक्षण किया गया। दवाओं की जांच के दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन दवाओं की एक्सपायरी तीन माह के भीतर है, उन्हें तत्काल बदलवाकर नई दवाएं मंगवाई जाएं। साथ ही, सभी मरीजों को समय पर दवा वितरण सुनिश्चित करने और इसका स्पष्ट रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए गए।
दर्ज हुई चेतावनी, रजिस्टरों की जांच
निरीक्षण के दौरान दवा वितरण रजिस्टर, चिकित्साधिकारी उपस्थिति रजिस्टर और अन्य कर्मियों की हाजिरी रजिस्टर की भी समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि सीएचसी की व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और आवश्यक सुधार न होने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस निरीक्षण के दौरान एसीएमओ डॉ. दलवीर सिंह भी जिलाधिकारी के साथ मौजूद रहे और व्यवस्थाओं की समीक्षा में भाग लिया।
बरौन सीएचसी की यह स्थिति एक चिंताजनक संकेत है कि जनपद में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं किस हालत में हैं। जिलाधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई से आम जनता को राहत की उम्मीद जगी है, लेकिन यह देखना होगा कि दिए गए निर्देशों का पालन कितनी गंभीरता से किया जाता है।