बढ़ी धार्मिक आस्था, एक साल में तीन गुना बढ़े धार्मिक संगठन

0
13

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में धर्म और आस्था के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा है। पिछले एक वर्ष में धार्मिक क्रियाकलापों से जुड़े संगठनों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2024 में जहां सोसाइटीज एक्ट के तहत 2,250 धार्मिक संगठन पंजीकृत थे, वहीं वर्ष 2025 में इनकी संख्या बढ़कर 6,363 हो गई है — यानी करीब तीन गुना की वृद्धि।

रजिस्ट्रार फर्म्स, सोसाइटीज एवं चिट्स विभाग के अनुसार, पिछले एक वर्ष में न केवल धार्मिक संस्थानों की संख्या बढ़ी है, बल्कि समाजसेवा और शिक्षा से जुड़े संगठनों में भी तेजी आई है। समाजसेवा से जुड़ी सोसाइटी और ट्रस्ट की संख्या 67,029 से बढ़कर 69,469 हो गई है। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े ट्रस्ट और सोसाइटी भी लगभग ढाई गुना बढ़े हैं।

विभागीय आंकड़ों के अनुसार, धार्मिक संगठनों के बाद दूसरे नंबर पर समाजसेवा संस्थाएं और तीसरे नंबर पर अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन हैं। अपार्टमेंट एसोसिएशन की संख्या 594 से बढ़कर 1,148 हो गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश में अपार्टमेंट संस्कृति और शहरी विकास में भी तेजी आई है।

खेल, कला और साहित्य से जुड़े संगठनों में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। कला-साहित्य श्रेणी में संस्थाओं की संख्या तीन गुना बढ़कर 845 से 2,266 हो गई है। खेल संगठनों की संख्या 255 से बढ़कर 575 हो गई है।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह वृद्धि ऑनलाइन पंजीकरण व्यवस्था के कारण भी हुई है। अब प्रदेश के सभी क्षेत्रीय कार्यालय ई-ऑफिस में परिवर्तित किए जा चुके हैं, जिससे छोटे जिलों के संगठनों को भी पंजीकरण में सुविधा मिली है।

संस्थाएं अब सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860, भारतीय भागीदारी अधिनियम 1932 और चिट फंड अधिनियम 1982 के तहत ऑनलाइन माध्यम से पंजीकरण करवा रही हैं। विभागीय फीडबैक प्रणाली और प्रदर्शन की स्टार रेटिंग व्यवस्था ने भी पारदर्शिता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रवृत्ति बताती है कि प्रदेश में धार्मिक, सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्रों में संगठित रूप से कार्य करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे उत्तर प्रदेश सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से और अधिक सशक्त हो रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here