25.5 C
Lucknow
Saturday, March 15, 2025

दाऊद इब्राहिम का ‘गुरु’ माफिया सुभाष ठाकुर जेल शिफ्ट, बीमारी का बहाना बनाकर 5 साल से अस्पताल में था भर्ती

Must read

वाराणसी। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का गुरु माना जाने वाला माफिया सुभाष ठाकुर (Subhash Thakur) 5 साल बाद वाराणसी के बीएचयू अस्पताल से फतेहगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। सुभाष ठाकुर आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। डीजी जेल के संज्ञान लेने के बाद वाराणसी के पुलिस आयुक्त ने बीएचयू के 12 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के पैनल के जरिए सुभाष की जांच कराकर उसके स्वास्थ्य का परीक्षण कराया। जिसमें डॉक्टरों ने सुभाष को पूरी तरह से स्वस्थ बताया। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद उसे फतेहगढ़ सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया।

वाराणसी के बीएचयू अस्पताल से निकलते वक्त माफिया सुभाष ठाकुर का हुलिया पूरी तरह से बदला हुआ नजर आया। सफेद कपड़े, सफेद साफा और लंबी दाढ़ी की वजह से उसको अपराध जगत में लोग ‘बाबा’ कहते हैं। व्हीलचेयर पर बैठाकर सुभाष ठाकुर को पुलिस अपने सुरक्षा घेरे में ले जाते हुए दिखाई दी।

आपको बता दें कि सुभाष ठाकुर उर्फ सुभाष राय 90 के दशक में मुंबई अंडरवर्ल्ड का कुख्यात नाम रहा। सुभाष वाराणसी के फूलपुर थाना क्षेत्र के नवादा गांव का निवासी है। वह 90 के दशक में काम की तलाश में मुंबई गया था, लेकिन वहां बिल्डरों से रंगदारी वसूलने लगा, धमकाने लगा और देखते ही देखते सुपारी किलर बन गया।

मुंबई के अपराध जगत में सुभाष ठाकुर की हनक का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब कभी पूर्वांचल के शूटर किसी वारदात में पकड़े जाते तो महाराष्ट्र पुलिस को सबसे पहले शक सुभाष पर ही होता। दरअसल, मुंबई में अरुण गवली के गुर्गो ने दाऊद के बहनोई इस्माइल इब्राहिम पारकर की 26 जुलाई 1992 को हत्या कर दी थी। इस हत्या का बदला लेने के लिए मुंबई के जेजे अस्पताल में 12 सितंबर 1992 को अंधाधुंध फायरिंग करके गवली गिरोह के शूटर शैलेश और दो सिपाहियों की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में सुभाष ठाकुर का नाम मुख्य रूप से था। तभी से सुभाष मुंबई के जरायम की दुनिया में चर्चित हो गया।

हत्या, हत्या के प्रयास और टाडा एक्ट के एक मामले में मुंबई अदालत ने सुभाष ठाकुर को वर्ष 2000 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि, दाऊद इब्राहिम और सुभाष ठाकुर का साथ लंबा नहीं रहा। वर्ष 1993 में मुंबई सीरियल ब्लास्ट के बाद दाऊद और सुभाष का संबंध टूट गया।

2017 में सुभाष ठाकुर ने वाराणसी की कचहरी में खुद की जान को दाऊद इब्राहिम से खतरा बताया था। अपनी हिफाजत के लिए उसने उस वक्त बुलेटप्रूफ जैकेट की भी मांग की थी। फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में वर्ष 2019 में सुभाष ठाकुर ने गुर्दे, पेट और आंख की गंभीर बीमारियों से खुद को पीड़ित बताया था और तभी से बीएचयू के अस्पताल में भर्ती हो गया था।

लेकिन सुभाष ठाकुर के लंबे समय से अस्पताल में भर्ती होने के मामले को डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री ने गंभीरता से लिया और इसके बाद वाराणसी पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बीएचयू के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के पैनल को गठित कराकर सुभाष के स्वास्थ्य का परीक्षण कराया। जिसमें उसे पूरी तरह से स्वस्थ बताया गया और अब सुभाष को वापस फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में पुलिस सुरक्षा के बीच में शिफ्ट कर दिया गया।

वहीं, इस मामले में वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि सजायाफ्ता कैदी सुभाष ठाकुर पूरी तरह से स्वस्थ है। ऐसे में वो अस्पताल में क्यों रहेगा? डॉक्टरो ने उसे स्वस्थ बताया है। इसलिए उसे फतेहगढ़ सेंट्रल जेल भिजवा दिया गया है।

Must read

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article