शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में प्रतियोगी परीक्षाओं (Examination) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यह न केवल युवाओं के भविष्य का निर्धारण करती है, बल्कि समाज के विकास और प्रगति में भी अहम भूमिका निभाती है। हाल ही में संपन्न हुई यूपी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 ने यह स्पष्ट किया कि सरकार और प्रशासन को परीक्षा प्रक्रिया को निष्पक्ष और व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए कितनी सतर्कता बरतनी पड़ती है।
प्रदेशके जिलों में परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों के लिए सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने हेतु प्रशासन ने कड़े कदम उठाए। यह घटना केवल एक परीक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह इस बात का प्रतीक है कि हमारी परीक्षा प्रणाली और इससे जुड़े पहलुओं को कितनी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
परीक्षाओं का महत्व केवल परीक्षार्थियों के व्यक्तिगत जीवन तक सीमित नहीं है। यह प्रक्रिया समाज के उन योग्य व्यक्तियों को पहचानने और अवसर प्रदान करने का माध्यम है, जो देश के विकास में योगदान दे सकते हैं। लेकिन इन परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण है।
पिछले वर्षों में कई बार परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं। पेपर लीक, फर्जीवाड़ा, और अनुचित साधनों का उपयोग जैसी समस्याओं ने पूरी प्रणाली की साख को हानि पहुँचाई है। यह न केवल मेहनती छात्रों के प्रति अन्याय है, बल्कि समाज के मूलभूत मूल्य भी इससे प्रभावित होते हैं।
प्रदेश में संपन्न पीसीएस परीक्षा में शासन ने पुलिसकर्मियों की तैनाती की और सभी केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए। यह कदम इस बात को दर्शाता है कि परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए तकनीकी और प्रशासनिक हस्तक्षेप आवश्यक है।
सुरक्षा व्यवस्था में की गई ये पहलें बेहद सराहनीय हैं, लेकिन यह भी समझना जरूरी है कि यह प्रक्रिया केवल परीक्षा के दौरान ही लागू नहीं होनी चाहिए। परीक्षा से पहले प्रश्नपत्रों की सुरक्षा, परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं का निष्पक्ष मूल्यांकन और परिणामों की घोषणा जैसे चरण भी समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। यह समस्या लगभग हर प्रतियोगी परीक्षा में सामने आती है। इसका समाधान परीक्षा प्रक्रिया में अत्याधुनिक तकनीक का समावेश है। प्रश्नपत्रों को डिजिटल माध्यम से सुरक्षित रखना और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों का उपयोग करना आवश्यक है।
कई बार परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों को अनुचित व्यवहार का सामना करना पड़ता है। इसे रोकने के लिए प्रशिक्षित पुलिस बल और सिविल अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित करनी चाहिए। परीक्षा हॉल में मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का दुरुपयोग रोकने के लिए जैमर और मेटल डिटेक्टर का उपयोग किया जाना चाहिए।
कई परीक्षा केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव देखा जाता है, जैसे पीने का पानी, बिजली, और शौचालय। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी केंद्रों पर ये सुविधाएँ उपलब्ध हों। राज्य के उदाहरण से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन और समाज के सामूहिक प्रयास से परीक्षा प्रक्रिया को व्यवस्थित और निष्पक्ष बनाया जा सकता है। परीक्षा के दौरान सरकार ने सक्रियता दिखाई, वह एक मिसाल है।
लेकिन यह जिम्मेदारी केवल प्रशासन तक सीमित नहीं है। परीक्षार्थियों, उनके परिजनों, और शिक्षकों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे परीक्षा प्रक्रिया को बाधित न करें और अनुशासन बनाए रखें। आज की डिजिटल दुनिया में प्रतियोगी परीक्षाओं को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए तकनीक का उपयोग बढ़ाना होगा।
परीक्षा प्रक्रिया को ऑनलाइन शिफ्ट करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि पेपर लीक जैसी समस्याओं को भी रोकेगा। फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम का उपयोग अनिवार्य होना चाहिए। सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों की लाइव मॉनिटरिंग और रिकॉर्डिंग की सुविधा होनी चाहिए।शासन ने प्रयास किए, लेकिन देशभर में कई परीक्षा केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव देखा जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है।
सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि हर परीक्षार्थी को समान सुविधाएँ और अवसर मिलें। यह कदम न केवल परीक्षार्थियों के अनुभव को बेहतर बनाएगा, बल्कि शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में भी सुधार करेगा।
प्रश्नपत्र निर्माण से लेकर परिणाम तक की प्रक्रिया को पूर्ण पारदर्शिता के साथ संचालित किया जाए।
परीक्षा प्रक्रिया में शामिल सभी व्यक्तियों को उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाए।
परीक्षा केंद्रों का चयन उनकी सुविधाओं और सुरक्षा मापदंडों के आधार पर किया जाए। परीक्षा प्रक्रिया में गड़बड़ी करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों पर सख्त कार्रवाई हो। प्रदेश में संपन्न पीसीएस परीक्षा का आयोजन यह दिखाता है कि जब प्रशासन, पुलिस, और समाज मिलकर प्रयास करते हैं, तो किसी भी प्रक्रिया को निष्पक्ष और व्यवस्थित बनाया जा सकता है।
यह जरूरी है कि हम शिक्षा और परीक्षा प्रणाली को गंभीरता से लें और इसे हर संभव सुधार के माध्यम से मजबूत करें। एक निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा प्रणाली न केवल समाज के प्रतिभाशाली व्यक्तियों को आगे बढ़ने का अवसर देगी, बल्कि देश के विकास में भी योगदान देगी।
आज की परिस्थितियों में हमें तकनीकी, प्रशासनिक, और सामाजिक स्तर पर मिलकर काम करना होगा, ताकि हर परीक्षा परीक्षार्थियों के लिए एक सकारात्मक और निष्पक्ष अनुभव बन सके।