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Wednesday, November 5, 2025

गैर इरादतन हत्या और साक्ष्य मिटाने के मामले में दोष सिद्ध

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– अपर जिला जज तरुण कुमार सिंह ने संतोष कुमार श्रीवास्तव को भेजा जेल, सजा के बिंदु पर 10 नवंबर की तिथि निर्धारित

यूथ इंडिया संवाददाता |

फर्रुखाबाद: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट तरुण कुमार सिंह की अदालत ने गैर इरादतन हत्या (murder) और साक्ष्य मिटाने (destruction of evidence) के मामले में आरोपी संतोष कुमार श्रीवास्तव पुत्र रामप्रकाश निवासी खिमसेपुर, मोहम्मदाबाद को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। न्यायालय ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 10 नवंबर 2025 की तिथि निश्चित की है।

यह मामला वर्ष 2020 का है। कोतवाली मोहम्मदाबाद क्षेत्र के ग्राम खिमसेपुर निवासी सोनी उर्फ कीर्ति, पत्नी संतोष कुमार श्रीवास्तव ने थाना पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि उसकी बहन राधा, जो अपने पति की हत्या के मामले में जेल में बंद है, के दो बच्चे — सुमित (5 वर्ष) और सौम्या — अपने ननिहाल में रहते थे। बच्चों की उचित देखभाल न होने के कारण उसने दोनों को अपने साथ खिमसेपुर ले आई थी।

घटना 29 सितंबर 2020 की बताई गई है। तहरीर के अनुसार, उसी दिन सुबह करीब 11 बजे उसका पति संतोष कुमार, जो नशे का आदी था, ने गुस्से में आकर उसके भांजे सुमित को डंडा मार दिया। चोट सिर पर लगने से वह अचेत हो गया और उसी रात उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद आरोपी ने बच्चे का शव बोरे में भरकर कहीं छुपा दिया।

महिला ने बताया कि पति ने उसे धमकाया था कि अगर उसने किसी को कुछ बताया, तो उसके अपने बच्चों को भी मार देगा। डर के कारण उसने कई दिन तक चुप्पी साधे रखी, लेकिन बाद में अपराधबोध के चलते उसने थाने पहुंचकर पूरी घटना बताई। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना की। पर्याप्त साक्ष्य और गवाहों के बयान के आधार पर आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया गया।

शासकीय अधिवक्ता की कुशल पैरवी और बचाव पक्ष की दलीलों पर विचार करने के बाद न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाया। न्यायालय ने आदेश में कहा कि आरोपी के अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है। सजा के निर्धारण के लिए 10 नवंबर की तारीख निहित की गई है।

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