अजय कुमार
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने अपनी हालिया प्रेस वार्ता में कांग्रेस (Congress) और भाजपा (BJP) दोनों राष्ट्रीय दलों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा ने संविधान पर पूरी निष्ठा से अमल नहीं किया। मायावती का कहना है कि दोनों दलों ने अपने-अपने शासनकाल में संविधान के मूल स्वरूप को नजरअंदाज किया और अपने दलों की विचारधारा को प्राथमिकता दी।
प्रेस वार्ता में मायावती ने कहा कि संविधान में समय-समय पर ऐसे परिवर्तन किए गए जो जरूरी नहीं थे और जिनका मकसद राजनीतिक लाभ उठाना था, न कि जनता के हित की रक्षा करना। उन्होंने यह संकेत दिया कि अब बसपा को पूरे देश में संविधान की रक्षा और उसका सही पालन कराने के लिए एक आंदोलन की तरह आवाज बुलंद करनी पड़ेगी। मायावती ने डॉ. भीमराव आंबेडकर को याद करते हुए कहा कि उन्होंने जीवन भर मेहनत कर जो मानवतावादी संविधान देश को दिया, उसे राजनीतिक दलों ने सही तरीके से लागू नहीं किया।
मायावती का यह बयान उस समय आया है जब देश में संविधान की व्याख्या, बदलाव और अनुसरण को लेकर सार्वजनिक बहस तेज है। मायावती का यह बयान दलित और पिछड़े वर्ग को पुनः बसपा के पाले में लाने की कोशिश माना जा सकता है। साथ ही यह कांग्रेस और भाजपा दोनों से दूरी बनाए रखने और तीसरे विकल्प की भूमिका को मजबूत करने का संकेत भी हो सकता है।