प्रशांत कटियार
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री (Chief Minister) योगी आदित्यनाथ के सीएम डैशबोर्ड की जुलाई 2025 की रिपोर्ट जारी हो गई है, जिसमें बरेली ने पहला स्थान हासिल किया है जबकि सीएम योगी का गृह जनपद Gorakhpur सबसे निचले पायदान 75वें स्थान पर पहुंच गया है और राजधानी लखनऊ भी 54वें नंबर पर सिमट गई है। यह रैंकिंग जिलों के प्रशासनिक कार्यों, जनसुनवाई, कानून व्यवस्था, जनकल्याण योजनाओं, विकास कार्यों और राजस्व संग्रह के आधार पर तैयार की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक बरेली के जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने अपनी प्रशासनिक दक्षता और योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के दम पर जिले को शीर्ष स्थान दिलाया, श्रावस्ती के जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने दूसरे और शाहजहांपुर के जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने तीसरे स्थान पर जगह बनाई। ललितपुर, हरदोई, मैनपुरी, मथुरा, महराजगंज, अंबेडकरनगर और जालौन ने भी टॉप 10 में अपनी जगह बनाई है, खासतौर पर जालौन के जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय लगातार इस सूची में स्थान बनाए हुए हैं।
कानून व्यवस्था के मोर्चे पर रामपुर के एसपी ने पहला, कौशांबी ने दूसरा और शाहजहांपुर ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। दूसरी ओर गोरखपुर की सबसे निचली रैंकिंग ने सभी को चौंका दिया है, खासकर इसलिए कि यह मुख्यमंत्री का संसदीय क्षेत्र है, जहां डीएम दीपक मीणा के कार्यों में सुस्ती और योजनाओं के कमजोर क्रियान्वयन के आरोप सामने आ रहे हैं। लखनऊ में भी डीएम विशाख जी को प्रशासनिक स्तर पर ज्यादा सक्रियता दिखाने की जरूरत है। यह रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है कि जहां कुछ जिलों ने प्रशासनिक कुशलता से मिसाल पेश की है, वहीं कई बड़े जिले अभी भी सुधार की राह देख रहे हैं और सरकार अब इन जिलों के लिए कड़े कदम उठा सकती है।