यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रूखाबाद। जुर्म की गाड़ी एक न एक दिन पंचर जरूर होती है। सपा सरकार में आतंक का पर्याय रहे सुबोध यादव और माफिया अनुपम दुवे के कु़ख्यात गुर्गे जिला पंचायत सदस्य आदित्य सिंह राठौर एके ने अपने ऊपर दर्ज मुकदमें में जालसाजी कर अंतिम आख्या लगवा ली थी। जिसे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी घनश्याम शुक्ला की अदालत में निरस्त कर दिया। इस मामले में पीडिता गीता राजपूत के वादी कानून गो विजय कृष्ण पाठक ने अपराध संख्या ३११ में अधिवक्ता राजीव बाजपेई के जरिए प्रोटेस्ट दाखिल की थी।
अदालत ने पाया कि राजस्व निरीक्षक विजय कृष्ण पाठक द्वारा मुकदमें के अभियुक्त काले खां, इसरार अहमद और आदित्य सिंह राठौर के विरूद्व अभियोग पंजीकृत कराया गया था। जिसमें विवेचक ने अपनी अंतिम आख्या लगा दी। जबकि इस प्रकरण में ईओ डब्लू कानपुर में अभियोग पंजीकृत होकर मामला विचाराधीन है। पीडिता की ओर से दाखिल प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र में जसमई स्थित करोडों की जमीन को कूटरचित अभिलेख तैयार कर अभियुक्तों ने अपने नाम फर्जी तौर पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज करा लिये थे। इस सम्बंध में तत्कालीन जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह द्वारा कराई जांच में फर्जीवाडे का खुलासा हुआ था। जिसके बाद जिलाधिकारी ने इन सब को भू माफिया घोषित कर फर्जीवाडे में संलिप्त तत्कालीन एसडीएम के विरूद्व विभागीय कार्यवाही के आदेश पारित किये थे। आदेश के क्रम में वादी विजय कृष्ण पाठक द्वारा मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। तत्कालीन थानाध्यक्ष मऊदरवाजा द्वारा अभियुक्तों को लाभ पहुंचाने के लिए मुकदमा भू माफिया अधिनियम के तहत दर्ज न कर धारा ४२०, ४६७, ४६८, ४७१ भ०द०वि० में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना की गई। इस मामले में ईओडब्लू कानपुर में अवराध संख्या ८/२० को आधार बनाकर विवेचना किया जाना औचित्तहीन पाते हुए अंतिम आख्या प्रेषित की गई थी।
न्यायालय ने माना कि विवेचक द्वारा अपने पद व अधिकारों का दुरूप्योग कर अभियुक्तगणों को लाभ पहुंचाया गया और पीडितों संग अन्याय हुआ।
सीजेएम धनश्याम शुक्ला ने अपनी अदालत में इस बडे मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए आदेश पारित किया कि पुलिस द्वारा लगाई गई अंतिम आख्या निरस्त की जाये और भू माफिया अधिनियम के तहत सपा नेता व उसके साथियों के विरूद्व कार्यवाही संचालित हो। बता दें कि भू माफिया आदित्य सिंह राठौर एके अपने साथी अनूप सिंह राठौर रच्छू ठाकुर और माफिया अनुपम दुबे के साथी अवधेश मिश्रा संग जेएनवी रोड पर भू माफियागीरी करने की जुगत में था। लेकिन न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए इन गुण्डों के क्रियाकलाप पर अंकुश लगा दिया। एके राठौर इन दिनों भाजपा के विधायक नागेन्द्र सिंह राठौर के दरवार में हाजिरी लगाता है।