लखनऊ। आगामी 9 मई को राष्ट्र गौरव महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने समाज को एकजुट होकर संकल्प लेने का आह्वान किया है। संगठन के वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री राघवेन्द्र सिंह राजू ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, “यदि क्षत्रिय इतिहास की सुरक्षा और महापुरुषों के सम्मान की रक्षा के लिए हमें सड़क से लेकर संसद और सुप्रीम कोर्ट तक लड़ना पड़े, तो हम पीछे नहीं हटेंगे।”
राजू ने आगे कहा कि आज जिस प्रकार समाज में जाति और धर्म छुपाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, वह नई पीढ़ी के लिए चेतावनी है। उन्होंने कहा, “हमें गर्व है कि हम क्षत्रिय हैं। लेकिन यह समय सावधान रहने का है, क्योंकि हमारी अस्मिता और इतिहास पर खतरे मंडरा रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि क्षत्रिय समाज को दूसरे धर्मों का सम्मान अवश्य करना चाहिए, लेकिन तब तक ही जब तक वे हमारे धर्म का सम्मान करें। यदि कोई हमारे धर्म या समाज का अपमान करता है, तो उसे उखाड़ फेंकना ही उचित है। उन्होंने राजनीतिक दलों पर भी कटाक्ष करते हुए कहा, “राजनीति का अर्थ झंडे और बैनर उठाना नहीं है, बल्कि जनता के अधिकारों की समानता के लिए संघर्ष करना है।”
राजपूताना समाज के नेतृत्व पर बोलते हुए राजू ने कहा, “कोशिश तो सब करते हैं, लेकिन सबको ताज नहीं मिलता। शोहरत तो जुगाड़ से बनती है, लेकिन राजपूताना अंदाज हर किसी के पास नहीं होता।”
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एन पी सिंह, राष्ट्रीय नेता रोहतास सिंह चौहान, पश्चिमी प्रदेश महामंत्री यशपाल सिंह सहित संगठन के अन्य प्रमुख पदाधिकारियों और स्थानीय शिल्पकारों की उपस्थिति में आयोजित बैठक में सामाजिक एकता, सम्मान और समानता के विषय पर गहन चर्चा की गई। सभी ने क्षत्रिय समाज की मजबूती के लिए संगठित प्रयास करने का संकल्प लिया।
राजू ने अंत में कहा, “श्रेष्ठता ऊंचे आसनों से नहीं, ऊंची सोच से मापी जाती है। अपने समाज का हाथ थामो, तभी दूसरे समाज के आगे झुकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।”


