नई दिल्ली/लखनऊ। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (HURL) में एक बार फिर भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का बड़ा मामला सामने आया है। कंपनी के चीफ मैनेजर (मार्केटिंग) श्री अरुनी कुमार पर गंभीर आरोप लगे हैं कि वे मंदिर निर्माण के नाम पर डीलरों से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली कर रहे हैं। राजस्थान और पूर्वी उत्तर प्रदेश से जुड़े डीलरों द्वारा साझा की गई जानकारी ने कंपनी प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
डीलरों के साथ अपमानजनक व्यवहार, धमकी और डर का माहौल
डीलरों ने आरोप लगाया है कि अरुनी कुमार खुलेआम कहते हैं – “डीलरों को मैं अपने जूते की नोक पर रखता हूं।” यह कथन सिर्फ अहंकार नहीं बल्कि डीलरों के साथ किए जा रहे निरंतर अपमान और मनोवैज्ञानिक दबाव को भी उजागर करता है। कई मौकों पर उन्होंने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों, रिटेलरों और डीलरों को पब्लिक मंचों पर नीचा दिखाने में भी संकोच नहीं किया।
चौंकाने वाली बात यह है कि जिस समुदाय के प्रति अरुनी कुमार इस तरह का रवैया रखते हैं, उन्हीं से वे मंदिर निर्माण के नाम पर मोटी रकम की मांग कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, अब तक यह रकम करोड़ों में पहुंच चुकी है। यह पूरा मामला संस्थागत स्तर पर भ्रष्टाचार और धार्मिक भावनाओं के शोषण की गंध दे रहा है।
MD का नाम लेकर बनाते हैं दबाव
डीलरों का आरोप है कि अरुनी कुमार खुद को HURL के प्रबंध निदेशक श्री सिबा प्रसाद मोहंती का करीबी बताते हुए उनके नाम का प्रयोग कर दबाव बनाते हैं। यह न केवल कंपनी की साख को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि कर्मचारियों के बीच भय और अव्यवस्था का माहौल बना रहा है।
अब इस पूरे मामले में कंपनी के खिलाफ स्वतंत्र जांच एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराने की मांग उठ रही है। साथ ही, श्री अरुनी कुमार को जांच पूरी होने तक पद से निलंबित करने और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है।
कंपनी प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध
विचारणीय प्रश्न यह भी है कि क्या कंपनी प्रबंधन को इस वसूली और अपमानजनक व्यवहार की जानकारी है, या वह जानबूझकर आंखें मूंदे हुए है? जवाबदारी तय करना अब अनिवार्य हो चुका है।
यह रिपोर्ट संबंधित मंत्रालय, सतर्कता आयोग और प्रमुख मीडिया संस्थानों के संज्ञान में लाई जा रही है।