यूथ इंडिया संवाददाता
अमृतपुर फर्रुखाबाद। प्रदेश में भू माफियाओं के विरुद्ध अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। लेकिन फिर भी माफिया गरीबों को सताने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। आप जनमानस को भयभीत करने के लिए आए दिन माफिया धमकियां व मारपीट ग्रामीणों के साथ कर ही देते हैं।
जिससे आप जनता परेशान होती है। बता दे की जिला हरदोई थाना हरपालपुर के गांव नगरिया कट्ट निवासी भूमिया यशवंतपुर पप्पू, बबलू, धर्म सिंह, पुत्र गण रनवीर के द्वारा तहसील अमृतपुर क्षेत्र के गांव जिठौली में लेखपाल सावन यादव की मिली भगत के कारण बंजर, चकमार्ग पर कब्जा करवा तीन पक्की दुकानें बनवा दी तथा दुकानों के पीछे खड़े पांच नीम के पेड़ तथा 140 यूके लिपस्टिक के पेड़ों पर आर चलवा दिया वहीं पीडि़त अक्षरा सिंह पुत्र शिवराज सिंह निवासी रामपुर जिठौली ने लगभग आधा सैकड़ा से अधिक प्रार्थना पत्र मुख्यमंत्री, डीएम, एसपी ,एसडीएम, थाना अध्यक्ष तथा अन्य अधिकारी समेत सांसद, एमएलसी आदि को भी माफिया के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई उल्टा पीडि़त को दबंग माफिया के द्वारा गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी दी गई जिसकी पीडि़त ने कॉल रिकॉर्डिंग कर ली। जिससे पीडि़त का पूरा परिवार भयभीत है वही योगी राज में भी माफिया सक्रिय नजर आ रहे हैं। वही पीडि़त परिवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि लेखपाल सावन यादव के द्वारा माफियाओं से मिलकर कार्य किया जा रहा है। कई बार लेखपाल ने कहा कि जब तक मैं हल्के में हूं तब तक तुम उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे चाहे तुम मुख्यमंत्री से शिकायत करो चाहे प्रधानमंत्री से जब पीडि़त ने प्रार्थना पत्र दिए तो उल्टा ही अतिराज सिंह के चाचा शिवराज सिंह पर करवाई कर दी जो कि उन्होंने ब्रजपाल निवासी जिठौली से जो पट्टे की एक बीघा जमीन खरीदी थी जिनका उनके पास बैनामा मौजूद है उसके बावजूद भी लेखपाल ने 67 कार्रवाई कर दी। तथा जो बंजर है वहां खतौनी के गाटा संख्या 196 मि0 तथा चकमार जी 193 गाटा संख्या पर दर्ज है इसके बावजूद भी लेखपाल कार्रवाई नहीं करता है जिससे पीडि़त परिवार गांव छोडऩे को मजबूर है देखने वाली बात होगी कि अब इन भू माफियाओं, व लेखपाल जो मिलकर कार्य कर रहा है तथा पीडि़त की बनाने की जमीन पर तीन माह पूर्व फिर से दबंगई से कब्जा कर लिया लेकिन इन भू माफियाओं विरुद्ध उच्च अधिकारियों के द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है या देखने वाली बात होगी या पीडि़त परिवार इसी तरह दर-दर भटकता रहेगा।