23.5 C
Lucknow
Friday, November 22, 2024

बरसात मे सब्जियों पर मंहगाई, टमाटर हुआ लाल तो तीखी हो गई हरी मिर्च, थाली से गायब हो रहीं सब्जियां

Must read

यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। विपक्षी दल भाजपा द्वारा तत्कालीन मनमोहन सरकार के खिलाफ फिल्म पीपली लाइव का गाना सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं, मँहगाई डायन खाए जात है.. की गुंजमाय रही। इसी के साथ अच्छे दिन के वादे के साथ कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंक मोदी सरकार आ गई। मोदी सरकार को 11 साल हो गए, लेकिन आमनागरिकों के मुताबिक एक दशक में महंगाई से जूझते हुए उनके अच्छे दिन कभी आए ही नहीं, बल्कि और बुरे दिन हो गए। आम नागरिकों को कहना है कि पहले कमाई ठीक थी तो महंगाई सह लेते थे, अब तो आमदनी भी घट गई और महंगाई में जबरदस्त उछाल है। आम नागरिकों का कहना है कि इससे अच्छे तो एक दशक पहले बुरे दिन ही रहे, वही लौटा दो हमें। बरसात में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सब्जियों के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है। एक माह पहले जहां सब्जियों के दाम लगभग सामान्य थे। लोग 100 रुपये की सब्जी खरीद कर ले जाते थे, लेकिन आज स्थिति यह है कि जहां 100 रुपये की सब्जी खरीदते थे, वही सब्जी आज दोगुने से ज्यादा यानि 200 से 300 रुपये में खरीदने पड़ रहे हैं। इसका मुख्य कारण है, सब्जियों का आवक कम होना और बिचौलियों की मनमानी। सब्जियों के यह बढ़े हुए दाम किसानों को नहीं मिल रहे, बल्कि बिचौलियों की बल्ले-बल्ले हो रही है। यही कारण है कि सब्जियों के दाम में जबरदस्त उछाल आया है। आम गरीब हो या खास आलू व प्याज सब्जी की जान होती है, बच्चे हों या बड़े सभी को आलू व प्याज तो चाहिए ही, लेकिन घरों में सबसे अधिक खपत होने वाली आलू व प्याज की दामों में बेतहाशा वृद्धि देखी जा रही है। बताते चलें कि आलू की पैदावारी में फर्रुखाबाद जनपद देश में सबसे अव्वल हैं। जहां नया आलू जब आता है तो कोल्ड स्टोरेज में रखा हुआ पुराना आलू फेंकने तक की नौवत आ जाती है।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article