यूथ इंडिया संवाददाता
अमृतपुर। गंगा नदी का जलस्तर कम होने से बाढ़ का पानी गांवों से निकल रहा है। अब गांवों मे पानी से भीगे कूड़े के सडऩे से सड़ांध निकलने लगी है जिससे लोग परेशान हैं। प्रभावित गांवों के लोगों मे उल्टी, दस्त, बुखार,खाज, खुजली आदि रोग फैलने लगे हैं। गांवों मे गड्ढों मे जगह जगह बाढ़ का गंदा पानी भरा है। गांवों मे गड्ढों मे गंदा पानी भरे होने से मच्छर भी पनपने लगे हैं। मच्छरों की संख्या बढऩे से लोगों की रातों की नींद हराम हैं।
मच्छरों की संख्या बढऩे से लोगों को अब मच्छर से फैलने वाले रोग चिकुनगुनिया, मलेरिया,डेंगू आदि रोगों के फैलने का डर सताने लगा है। गड़ैया किराचन निवासी सुमित यादव और कुडऱी सारंगपुर निवासी अनमोल का कहना है कि गांवों मे साफ सफाई की व्यवस्था युद्ध स्तर पर कराने की आवश्यकता हैं जिससे गांवों मे बाढ़ की वजह से पसरी गंदगी साफ हो सके और लोगों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर न पड़े। वहीं जिला प्रशासन द्वारा हरिद्वार बांध से 21 अगस्त को सुबह 6 बजे 123105 क्यूसेक रात्रि 3 बजे 133411 क्यूसेक पानी छोड़ा गया वहीं रामगंगा नदी मे 21 अगस्त को रामनगर बैराज से 81000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिसके रविवार सुबह तक जिले मे पहुंचने की संभावना है।
दोनो नदियां मे बड़ी मात्रा मे पानी छोड़े जाने से जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी किया गया है संभावना व्यक्त की गई है कि जिले मे एक बार पुन: तटवर्ती इलाके मे बाढ़ स्थिति बन सकती है। जिला प्रशासन द्वारा एक बार फिर से अलर्ट जारी करने से तटवर्ती गांवों के लोग खौफजदा हैं। तहसील प्रशासन द्वारा बताया गया कि पानी बढऩे की संभावना को देखते हुए कर्मचारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।