लखनऊ।बेंगलुरु के 34 वर्षीय इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के साथ तेलंगाना के एक मामले की सुनवाई करते हुए दहेज कानून के गलत इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त की थी। अब, हाई कोर्ट ने अतुल सुभाष के खिलाफ दीवानी न्यायालय में चल रहे सभी मुकदमों की फाइल तलब की है।
अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या की थी, जिसमें उसने अपने खिलाफ चल रहे मुकदमों का जिक्र किया है। उसके खिलाफ कई मामले चल रहे हैं, जिनमें भरण पोषण, घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के मामले शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि दहेज उत्पीड़न के मामलों में अदालतों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है, ताकि निर्दोष परिवार के सदस्यों को अनावश्यक परेशानी से बचाया जा सके। कोर्ट ने कहा कि पति के सगे संबंधियों को फंसाने की प्रवृत्ति को देखते हुए कानून का दुरुपयोग रोकना आवश्यक है।
हाई कोर्ट ने अतुल सुभाष के अधिवक्ता अवधेश तिवारी से कहा है कि वे अतुल के खिलाफ दाखिल सभी मुकदमों का रिकॉर्ड प्रस्तुत करें। जिला जज कार्यालय से भी जानकारी मांगी गई है। इस मामले में सुनवाई की तिथि 12 दिसंबर निर्धारित की गई है, जिसमें अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया ने दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है।अतुल सुभाष के अधिवक्ता ने बताया कि वे अब मृत अतुल के मृत्यु रिपोर्ट के संबंध में कोर्ट में प्रार्थना पत्र देंगे। मामले की गंभीरता को देखते हुए कई लोगों ने हाई कोर्ट को मेल करके निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस मामले ने दहेज कानून के दुरुपयोग के मुद्दे को फिर से उजागर किया है, और न्यायालयों की भूमिका पर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं।