लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2025-26 की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं आगामी 28 नवंबर से शुरू होकर 3 दिसंबर तक आयोजित की जाएंगी। परीक्षा कार्यक्रम दो पालियों में निर्धारित किया गया है ताकि सभी कक्षाओं की परीक्षा व्यवस्थित रूप से संपन्न कराई जा सके। इस बार परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, कक्षा एक की परीक्षा पूरी तरह मौखिक होगी। वहीं कक्षा दो और तीन में परीक्षा लिखित और मौखिक दोनों रूपों में ली जाएगी, जिसमें 50-50 प्रतिशत अंक वेटेज रहेगा। कक्षा चार और पांच के लिए लिखित परीक्षा का भारांक 70 प्रतिशत तथा मौखिक परीक्षा का 30 प्रतिशत तय किया गया है। कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा पूर्णतः लिखित रूप में कराई जाएगी।
परीक्षा के प्रश्नपत्रों की तैयारी का जिम्मा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) को सौंपा गया है। डायट की विशेषज्ञ टीम सभी विषयों के प्रश्नपत्र तैयार करेगी, ताकि विद्यार्थियों के ज्ञान और समझ का समुचित मूल्यांकन किया जा सके।
बेसिक शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रधानाध्यापक अपने विद्यालय में परीक्षा की संपूर्ण जिम्मेदारी वहन करेंगे। परीक्षा परिणाम घोषित किए जाने के दिन अभिभावक-शिक्षक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें छात्रों की प्रगति, कमजोर विषयों और सुधार की संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि परीक्षाओं के सफल संचालन के लिए सभी विद्यालयों में आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर निगरानी टीम गठित की जाएगी, जो परीक्षा की पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी।
शिक्षा विभाग का उद्देश्य है कि इन परीक्षाओं के माध्यम से विद्यार्थियों की सीखने की प्रक्रिया का वास्तविक आकलन किया जा सके, जिससे आगामी सत्रों के लिए शिक्षण-प्रशिक्षण योजनाएं और अधिक प्रभावी बनाई जा सकें।






