यूथ इंडिया, गाज़ियाबाद। यूपी पुलिस भर्ती का पेपर लीक कराने के लिए पटना का MBBS डॉक्टर शुभम मंडल फ्लाइट से अहमदाबाद पहुंचा। उस गोदाम में पहुंचा जहां लोहे के ट्रंक (सील्ड बॉक्स) में परीक्षा का पेपर रखा था। उसने सील्ड बॉक्स को खोला और पेपर निकाला। इसके बाद बॉक्स पर वापस सील लगाकर पटना आ गया।
इसके बाद उसने पेपर लीक के मीडिएटर को फोन करके डील के 15 लाख रुपए मांगे। मीडिएटर ने कहा- पेपर कैंसिल नहीं हुए तो पैसे मिलेंगे। कैंसिल हो गए तो नहीं मिलेंगे। हालांकि डॉक्टर को पैसे नहीं मिले। शुभम मंडल ने STF की पूछताछ में कई अहम जानकारी दी है।
ये डॉक्टर शुभम मंडल है, जो पटना का रहने वाला है और MBBS डॉक्टर है। इसे सील्ड बॉक्स तोड़ने के लिए खासतौर पर पटना से अहमदाबाद बुलाया गया था।
सबसे पहले पूरा मामला समझिए
UP पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा 17-18 फरवरी को हुई। इसमें करीब 48 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। बाद में पता चला कि तमाम अभ्यर्थियों के पास पेपर पहले ही पहुंच गया था। पूरे प्रदेश में प्रदर्शन हुए तो सरकार को ये परीक्षा रद्द करनी पड़ी। केस की जांच STF को सौंपी गई।
- अब पढ़िए शुभम ने STF की पूछताछ में क्या कुछ बताया…
STF ने इस मामले में गिरफ्तार पटना के MBBS डॉक्टर शुभम मंडल से पूछताछ की। शुभम ने बताया, साल-2021 में उसने नालंदा मेडिकल कॉलेज से MBBS पासआउट किया है। फिलहाल वो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) बरारी, जनपद कटिहार (बिहार) में बतौर चिकित्सक नियुक्त है। इसी का एक बैचमेट है बिट्टू।
बिट्टू और शुभम बचपन के दोस्त भी हैं। बिट्टू लोहे के उन ट्रंक को खोलने में एक्सपर्ट है, जिनके अंदर पेपर रखकर आते हैं। दोनों दोस्त साल-2017 में नीट पेपर लीक कांड में जेल गए। इसके बाद ट्रंक खोलने का तरीका शुभम मंडल ने भी सीख लिया।
ये एमबीबीएस डॉक्टर शुभम मंडल के तीन साथी हैं अभिषेक शुक्ला, शिवम गिरि और रोहित पांडे। चारों आरोपी एकसाथ पकडे़ गए थे।
ग्रेटर नोएडा के मीडिएटर ने डॉक्टर को बुलाया था अहमदाबाद
पूछताछ में डॉक्टर शुभम मंडल ने बताया, 5 फरवरी को वो फ्लाइट से अहमदाबाद गया। वहां उसने TCI कंपनी के गोदाम में लोहे का ट्रंक पीछे की तरफ से खोला और पेपर बाहर निकलवाने में मदद की। इसी तरह 8 फरवरी को भी शुभम पटना से अहमदाबाद गया और यही काम दोहराया।
इस काम के बदले उसे 15 लाख रुपए मिलना तय हुआ था। 19 फरवरी को शुभम मंडल ने ग्रेटर नोएडा के रवि अत्री को फोन कर पैसे मांगे। इस पर रवि अत्री ने कहा कि पेपर लीक हो गया है, अगर कैंसिल नहीं हुआ तो 15 लाख रुपए दिए जाएंगे, वरना नहीं। पेपर कैंसिल होने के बाद शुभम मंडल ने मीडिएटर रवि अत्री को कई बार फोन किए, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई।
हरियाणा में मानेसर के जिस रिसॉर्ट में 16 फरवरी को यूपी पुलिस का पेपर पढ़वाया गया, उसके मालिक को भी STF ने आरोपी बनाया है।
कई प्रमुख लोगों की गिरफ्तारियां बाकी
STF के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया, इस केस में प्रयागराज के राजीव नयय मिश्रा, अंकित मिश्रा, ग्रेटर नोएडा के रवि अत्री, मानेसर के रिजॉर्ट मालिक, दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम बहल सहित कई लोगों की गिरफ्तारियां बाकी हैं। जैसे-जैसे गिरफ्तारियां होंगी, वैसे-वैसे आगे की कड़ियां पता चलती जाएंगी। ऐसा भी हो सकता है कि अहमदाबाद की जिस प्रिंटिंग प्रेस में पेपर की छपाई हुई, वहीं से कोई तार न निकल आएं।