यूथ इंडिया, लखनऊ। यूपी विधान परिषद यानी MLC के लिए सोमवार को NDA और सपा प्रत्याशियों ने नामांकन किया। NDA के 10 जबकि सपा के 3 प्रत्याशियों ने नामांकन किया। सपा ने जिन 3 प्रत्याशियों को उतारा है, इनमें दो आजमगढ़ से हैं। बलराम यादव और गुड्डू जमाली। इसके अलावा, पश्चिम से आने वाले किरण पाल कश्यप को भी पार्टी ने टिकट दिया है। गुड्डू जमाली ने हाल ही में बसपा छोड़कर सपा जॉइन की थी।
सपा से पहले सोमवार को ही भाजपा और सहयोगी दलों के प्रत्याशियों ने नामांकन किया। इसमें भाजपा प्रत्याशी विजय पाठक, अशोक कटारिया, महेंद्र सिंह, मोहित बेनीवाल, संतोष सिंह, धर्मेंद्र सिंह, रामतीरथ सिंघल हैं। जबकि सहयोगी दलों के 3 प्रत्याशी हैं। इनमें अपना दल के आशीष पटेल, रालोद के योगेश चौधरी और सुभासपा के विच्छेलाल राजभर का नाम है। सोमवार सुबह ही ओपी राजभर ने विच्छेलाल के नाम का ऐलान किया।
सीएम योगी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मौजूदगी में 10 नेताओं ने एमएलसी के लिए नामांकन भरा।
13 ही प्रत्याशी रहे तो सभी निर्विरोध चुन लिए जाएंगे
इससे पहले, NDA के सभी प्रत्याशी लखनऊ में भाजपा ऑफिस पहुंचे। वहां प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने सभी का स्वागत किया। इसके सभी सभी प्रत्याशी विधानसभा पहुंचे। वहां सीएम योगी की मौजूदगी में सभी ने नामांकन किया।
MLC नामांकन का आज आखिरी दिन है। प्रदेश में 13 सीटें खाली हुई हैं और दोपहर एक बजे तक 13 प्रत्याशियों के ही नामांकन किया है। ऐसे में अगर प्रत्याशियों की संख्या नहीं बढ़ती तो फिर सभी निर्विरोध चुन लिए जाएंगे।
एनडीए प्रत्याशियों के नामांकन के करीब एक घंटे बाद सपा प्रत्याशियों ने नामांकन किया।
अखिलेश यादव ने आखिर तक पत्ते नहीं खोले
एमएलसी प्रत्याशियों के ऐलान में अखिलेश यादव ने आखिरी तक अपने पत्ते नहीं खोले। सपा ने अधिकृत तौर पर प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया था। एनडीए प्रत्याशियों के नामांकन करके लौटने के करीब एक घंटे बाद ही सपा प्रत्याशी सीधे विधानसभा पहुंच गए। वहां नामांकन किया।
आजमगढ़ से दो लोगों को विधान परिषद भेजने को लेकर सियासी गलियारे में चर्चा शुरू हो गई। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अखिलेश यादव वहां से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
NDA प्रत्याशियों के नामांकन के विजुअल…
सुभासपा के प्रत्याशी विच्छेलाल राजभर ने नामांकन किया। इस दौरान योगी ने राजभर की चुटकी ली। उन्होंने फोटोग्राफर से कहा कि राजभर जी की फोटो हंसते हुए लीजिएगा।
अपना दल एस के आशीष पटेल ने एमएलसी चुनाव के लिए नामांकन किया।
भाजपा प्रत्याशी मोहित बेनीवाल ने एमएलसी चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया।
भाजपा प्रत्याशी राम तीरथ ने भी एमएलसी चुनाव के लिए नामांकन भरा।
चलिए, अब आपको BJP के सभी कैंडिडेट्स के बारे में बताते हैं…..
भाजपा के 7 उम्मीदवारों में 3 नाम रिपीट किए हैं। ये हैं- विजय पाठक, अशोक कटारिया, महेंद्र सिंह। जबकि 4 नए नाम हैं। भाजपा ने इसमें जातीय समीकरण को भी साधा है। 2 क्षत्रिय, एक ब्राह्मण, एक गुर्जर, एक जाट, एक भूमिहार और एक वैश्य को उम्मीदवार बनाया है।
1- धर्मेंद्र सिंह: वाराणसी के रहने वाले हैं। भूमिहार बिरादरी से आते हैं। पत्रकार भी रहे हैं। वह भाजपा के सह मीडिया प्रभारी हैं। PM के चुनाव में लगातार सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।
2- राम तीरथ सिंघल: बुंदेलखंड से आते हैं और झांसी के मेयर रह चुके हैं। वह वैश्य बिरादरी से आते हैं। इनके जरिए भाजपा ने वैश्य समाज और बुंदेलखंड को साधा है।
3-महेंद्र सिंह: 2 बार से लगातार MLC हैं। अब तीसरी बार MLC बनेंगे। योगी 1.0 सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। इस वक्त मध्य प्रदेश के चुनाव प्रभारी हैं।
4- विजय बहादुर पाठक: दूसरी बार MLC बनेंगे। दो बार से प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। इससे पहले प्रदेश महामंत्री थे। आजमगढ़ के रहने वाले हैं। भाजपा ने इनके जरिए अगड़ी बिरादरी को साधने की कोशिश की है।
5- संतोष सिंह: भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और ब्रज क्षेत्र के प्रभारी हैं। 5 बार प्रदेश मंत्री रहे हैं। दूसरी बार के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष रहे हैं।
6- अशोक कटारिया: बिजनौर के रहने वाले हैं। गुर्जर बिरादरी से आते हैं। पहले भाजपा के प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं। योगी के पहले कार्यकाल में परिवहन मंत्री रह चुके हैं।
7. मोहित बेनीवाल: जाट बिरादरी से हैं। भाजपा ने पिछले साल मार्च में प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया था। उससे पहले पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष थे। उस वक्त 3 क्षेत्रीय अध्यक्षों को MLC बनाया था। लेकिन, तब मोहित बेनीवाल MLC नहीं बन पाए थे। इसलिए इस बार इन्हें उम्मीदवार बनाया गया।
चलिए अब आपको सपा कैंडिडेट्स के बारे में बताते हैं…
बलराम यादव: मुलायम सिंह यादव करीबी रहे हैं। अखिलेश सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री रहे हैं। आजमगढ़ के रहने वाले बलराम यादव 6 बार विधायक और तीन बार एमएलसी रह चुके हैं। उनके बेटे संग्राम सिंह यादव भी सपा से विधायक हैं।
गुड्डू जमाली: शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली बसपा के प्रमुख नेता रहे हैं। आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से दो बार 2012, 2017 में विधायक रहे हैं। जमाली की जिले में अच्छी पकड़ मानी जाती है। वह बसपा के टिकट पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और धर्मेंद्र यादव के खिलाफ आजमगढ़ से 2014 और 2022 का लोकसभा उपचुनाव लड़ चुके हैं। हाल ही में बसपा छोड़कर सपा में शामिल हुए हैं।
किरण पाल कश्यप: सपा ने पीडीए फॉर्मूले के तहत किरण पाल कश्यप को उम्मीदवार बनाया है। किरण पाल कश्यप मुलायम सिंह की सरकार में मंत्री रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत प्रदेश में प्रत्येक विधानसभा में कश्यप वोट बैंक की अच्छी संख्या हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ नामांकन कराने जाते प्रत्याशी व मौजूद समर्थक।
एक प्रत्याशी के लिए 29 विधायकों का मत जरूरी
यूपी में एक उम्मीदवार को विधान परिषद तक पहुंचाने के लिए 29 विधायकों के मत की जरूरत होती है। BJP और उसके सहयोगियों को मिलाकर 286 विधायक हैं। वहीं सपा के पास 110 विधायक हैं। उन्हें 3 प्रत्याशियों को जिताने के लिए 87 मतों की जरूरत होगी।
अगर 13 सीट पर 13 उम्मीदवार होंगे, तो चुनाव नहीं होगा। सभी निर्विरोध निर्वाचित हो जाएंगे। अगर 14वां उम्मीदवार आएगा, तब चुनाव होगा। चुनाव की तारीख 21 मार्च है। उसी दिन वोटों की गिनती भी होगी।
इन 13 सदस्यों को 5 मई को कार्यकाल हो रहा खत्म
यूपी में विधान परिषद के 13 सदस्यों का कार्यकाल 5 मई को खत्म हो रहा है। इनमें BJP के यशवंत, विजय बहादुर पाठक, विद्यासागर सोनकर, डॉ. सरोजनी अग्रवाल, अशोक कटारिया, अशोक धवन, बुक्कल नवाब, महेंद्र कुमार सिंह, निर्मला पासवान, मोहसिन रजा, आशीष पटेल का नाम है। इसके अलावा, बसपा के भीमराव आंबेडकर और सपा के नरेश उत्तम पटेल का कार्यकाल 5 मई को समाप्त हो रहा है।