लखनऊ राजधानी लखनऊ की न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय अदालत ने आज एक अहम आदेश जारी किया है, जिसमें देश की नामचीन समाचार एजेंसी ANI (एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल) की प्रधान संपादक स्मिता प्रकाश के खिलाफ परिवाद दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की ओर से दायर की गई शिकायत के बाद आया है।
अमिताभ ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा था कि ANI ने कई बार चुनाव आयोग से संबंधित ऐसी ख़बरें प्रसारित कीं जो आयोग द्वारा आधिकारिक रूप से कभी नहीं कही गईं। जहाँ चुनाव आयोग ने सीमित तथ्य ही साझा किए थे, वहीं ANI ने उससे आगे जाकर बयान और विश्लेषण प्रस्तुत किए, जो कि भ्रामक थे और जनता के बीच गलत संदेश फैलाने वाले थे।
इस पूरे मामले में अदालत ने ANI और उसकी प्रधान संपादक स्मिता प्रकाश के खिलाफ गंभीर रुख अपनाया और उनके विरुद्ध परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला मीडिया की जवाबदेही और जिम्मेदारी को लेकर बड़ा संदेश देगा।
अमिताभ ठाकुर ने अदालत के इस आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि यह पत्रकारिता में पारदर्शिता की जीत है। वहीं मीडिया जगत में इस आदेश को लेकर अलग-अलग मत सामने आ रहे हैं। कुछ पत्रकार संगठनों ने इसे पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर हमला बताया है, जबकि कुछ लोगों ने कहा कि अगर कोई भी संस्था जनता को भ्रमित करती है तो उस पर कानूनी कार्रवाई होना ज़रूरी है।






