यूथ इंडिया संवाददाता
अमृतपुर, लखनऊ, फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान, अमृतपुर के विधायक सुशील शाक्य ने एक गंभीर मामला उठाया। उन्होंने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा माफिया अनुपम दुबे के भाइयों की फर्मों को करोड़ों रुपये का भुगतान करने का मुद्दा जोरशोर से उठाया, जबकि राज्य सरकार माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही कर रही है।
अनुपम दुबे का नाम माफियाओं की सूची में प्रमुखता से आता है और उनके खिलाफ विभिन्न आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनकी संपत्तियों पर प्रशासन द्वारा कई बार कार्यवाही की गई है। बावजूद इसके, उनके भाइयों की फर्मों को लोक निर्माण विभाग द्वारा करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया है।
विधायक सुशील शाक्य ने विधानसभा में पूछा कि सरकार की माफिया विरोधी नीति के बावजूद, क्यों और कैसे लोक निर्माण विभाग ने माफिया से संबंधित फर्मों को करोड़ों रुपये का भुगतान किया। उन्होंने यह भी सवाल किया कि इस भुगतान के लिए कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी।
शाक्य ने अपने सवाल दाग आंकड़े प्रस्तुत किए:
– वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, माफिया अनुपम दुबे के भाइयों की फर्मों को कुल कई करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
– इनमें से कई करोड़ रुपये का भुगतान सडक़ निर्माण और मरम्मत कार्यों के लिए किया गया था।
– बाकी 10 करोड़ रुपये का भुगतान भवन निर्माण और अन्य विकास कार्यों के लिए किया गया था।
सरकार की ओर से जवाब देते हुए, संबंधित मंत्री ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि माफिया के खिलाफ सरकार की नीति स्पष्ट है और किसी भी तरह की भ्रष्टाचार या अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विधायक सुशील शाक्य द्वारा उठाए गए इस मुद्दे ने सरकार और लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या कार्रवाई होती है।
अमृतपुर विधायक सुशील शाक्य ने यूपी विधानसभा में उठाया माफिया अनुपम दुबे के भाइयों की फर्मों को करोड़ों का भुगतान का मामला
