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Wednesday, March 19, 2025

एयरो इंडिया 2025: बेंगलुरु के आसमान में दिखा शक्ति प्रदर्शन

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बेंगलुरु के येलाहेंका एयरफोर्स स्टेशन पर एयरो इंडिया 2025 (Aero India) की भव्य शुरुआत हुई, जहां भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। इस प्रतिष्ठित एयर शो में तेजस मार्क 1ए ने हवा में 360° घूमकर अपनी अभूतपूर्व क्षमता का परिचय दिया, जबकि सुखोई एसयू-30 एमकेआई ने अपने अद्भुत हवाई करतबों से दर्शकों को रोमांचित कर दिया। भारतीय वायुसेना की प्रसिद्ध सूर्य किरण एरोबैटिक टीम ने उड़ान के दौरान आकाश में तिरंगे के रंग बिखेरकर देशभक्ति का अद्भुत नजारा पेश किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पांच दिवसीय शो का उद्घाटन करते हुए भारत के एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ते कदमों पर जोर दिया। इस शो में 30 से अधिक देशों के रक्षा मंत्री या उनके प्रतिनिधि और 43 देशों के वायु सेना प्रमुखों की उपस्थिति भारत की बढ़ती वैश्विक रक्षा साझेदारी को दर्शाती है। यह कार्यक्रम रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत की रणनीति को मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

एयर शो के पहले तीन दिन बिजनेस विजिटर्स के लिए निर्धारित किए गए हैं, जहां रक्षा कंपनियां, निर्माता और सरकारी प्रतिनिधि अपने-अपने उत्पादों और तकनीकों का आदान-प्रदान करेंगे। इसके बाद के दो दिन आम जनता के लिए खुले रहेंगे, जिससे लोगों को आधुनिक लड़ाकू विमानों और रक्षा तकनीकों को करीब से देखने का अवसर मिलेगा। भारत सरकार इस शो को देश में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के एक बड़े मंच के रूप में देख रही है।

इस बार शो में पांचवीं जनरेशन के लड़ाकू विमान भी आकर्षण का केंद्र बने हैं। अमेरिकी वायुसेना ने अपने अत्याधुनिक फाइटर जेट F-35 को इस शो में प्रदर्शन के लिए भेजा है, जबकि रूस ने अपने शक्तिशाली सुखोई-SU-57 को उतारा है। इन विमानों की उड़ानों ने दर्शकों को आधुनिक युद्धक विमानों की तकनीक और उनकी अद्वितीय क्षमताओं से परिचित कराया। इसके अलावा, भारत की ओर से विकसित किए जा रहे एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के बारे में भी चर्चा की जा रही है।

एयरो इंडिया 2025 न केवल भारत के रक्षा क्षेत्र की ताकत को दर्शाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सैन्य कूटनीति को भी मजबूत करता है। इस शो के जरिए भारत अपनी स्वदेशी रक्षा तकनीकों को प्रदर्शित करने के साथ-साथ विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी को भी बढ़ावा दे रहा है। आने वाले दिनों में यह शो भारत के रक्षा उद्योग के लिए नए अवसरों के द्वार खोल सकता है और देश को रक्षा निर्यात के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है।

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