अडानी ग्रुप (Adani Group) ने श्रीलंका में दो विंड पावर प्रोजेक्ट से हटने का फैसला किया है। इस बात की जानकारी कंपनी ने श्रीलंका के एक सरकारी एजेंसी को दी है। पिछले महीने श्रीलंका सरकार ने कहा था कि वह अडानी ग्रुप से बिजली की कीमत घटाने के लिए बातचीत शुरू कर रही है। इन प्रोजेक्ट्स की कुल लागत लगभग 1 अरब डॉलर है।
अडानी ग्रुप ने नहीं की कोई टिप्पणी
कंपनी ने कहा कि श्रीलंका की सरकार ने एक नई कमेटी बनाई है जो इन प्रोजेक्ट्स पर फिर से बातचीत करेगी। इसके बाद अडानी ग्रुप ने अपनी कंपनी के बोर्ड की बैठक में इस प्रोजेक्ट से पीछे हटने का फैसला ले लिया है। श्रीलंका के बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट ने इस पर सफाई देने से मना कर दिया। ऐसे में अडानी ग्रुप की तरफ से भी आगे कि कोई जानकारी नहीं दी गई है।
क्या है पूरा मामला
इस पूरे मामले की शुरुआत श्रीलंका के बोर्ड से शुरू हुई। दरअसल, अडानी ग्रुप के संस्थापक गौतम अडानी और अन्य अधिकारियों पर नवंबर में अमेरिकी अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि उन्होंने भारतीय बिजली आपूर्ति ठेके पाने के लिए रिश्वत दी थी। इसके बाद से श्रीलंका ने भी अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट्स की समीक्षा शुरू कर दी थी। हालांकि, अडानी ने इन आरोपों को सिरे से नकारा है।
इन जगहों पर इस प्रोजेक्ट का होना था काम
अडानी ग्रुप श्रीलंका में मन्नार और पुनरिन गांवों में दो विंड पावर प्रोजेक्ट बनाने की तैयारी थी। यह उत्तर श्रीलंका में स्थित हैं। अडानी ग्रुप श्रीलंका के सबसे बड़े पोर्ट कोलंबो में एक 700 मिलियन डॉलर का टर्मिनल प्रोजेक्ट भी बना रहा है। फिलहाल श्रीलंका आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे में यह निवेश उन्हें फायदा पहुंचा सकते थे। कुल मिलाकर श्रीलंका के बड़ा झटका लगा है।