अगर एसटीएफ में हिम्मत है, तो मेरे सीने पर गोली मारे : योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल
लखनऊ(प्रशांत कटियार)। अपना दल (कमेराबादी)विधायक पल्लवी पटेल ने अपने जीजा और योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल के खिलाफ एक तीखा अभियान छेड़ दिया है। पल्लवी पटेल ने तकनीकी शिक्षा विभाग में लेक्चरर्स के प्रमोशन में कथित घोटाले के लिए आशीष पटेल को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, आशीष पटेल मेरे पिता की फोटो लगाकर, दलाली करके यहां तक पहुंचे हैं। यह निर्लज्जता की पराकाष्ठा है।पल्लवी ने आशीष पटेल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपने पिता की मेहनत और संघर्ष को तोड़-मरोड़कर अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया है। उनके अनुसार, आशीष पटेल सरदार पटेल की आड़ लेकर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा कर रहे हैं। पल्लवी का यह भी कहना है कि आशीष पटेल ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और उन्होंने सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर वंचित वर्ग के अधिकारों का उल्लंघन किया है।इस बीच, आशीष पटेल ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वह किसी भी प्रकार के डर या षड्यंत्र से नहीं डरते हैं। उन्होंने लखनऊ में एक विशेष बैठक बुलाई, जिसमें केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी मौजूद थीं। आशीष ने बैठक में कहा, मैं खुली किताब हूं, सीबीआई से जांच कराने में मुझे कोई परेशानी नहीं है।उन्होंने अपने द्वारा वंचित वर्ग के लिए किए गए प्रयासों को लेकर अपने विरोधियों को चुनौती दी कि अगर उनमें हिम्मत है, तो उन्हें बर्खास्त करके दिखाएं।आशीष पटेल ने यह भी कहा कि वह डरने वाले नहीं हैं और उनके पास जनतंत्र का समर्थन है, जो उन्हें किसी भी तंत्र से लड़ने का साहस देता है। उन्होंने पल्लवी पटेल के धरना देने के रवैये को राजनीतिक खेल करार दिया और कहा कि यह सब केवल सत्ता की होड़ में किया जा रहा है।आशीष पटेल ने एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के बारे में लगातार सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने विरोधियों को चुनौती देते हुए कहा, “तुम मेरे पैर पर गोली मारते हो, लेकिन अगर तुम्हारी हिम्मत है, तो मेरे सीने पर गोली मारो। आपके पास तंत्र है, लेकिन मेरे पास जनतंत्र है। जब जनतंत्र मेरे साथ है, तो मुझे तंत्र से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है।” केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी इस विवाद में हस्तक्षेप करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि मैंने अपनी बात स्पष्ट कर दी है। बात प्रतिष्ठा पर आएगी तो हम समझौता नहीं करेंगे। पिछले दिनों जो बात सामने आई, वो हम जानते हैं कि किसके इशारे पर ये सब किया गया है। हम पिछड़ों, दलितों की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
यह घटनाक्रम उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई हलचल को जन्म दे रहा है। पल्लवी पटेल और आशीष पटेल के बीच यह विवाद राजनीतिक दलों और उनके समर्थकों के बीच गहरी खाई पैदा कर सकता है। अब देखना यह होगा कि इस विवाद का क्या परिणाम निकलता है और क्या ये आरोप-प्रत्यारोप आगे बढ़ते हैं या इस पर कोई ठोस कार्रवाई की जाती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला न केवल व्यक्तिगत आरोपों तक सीमित रहेगा, बल्कि इससे राज्य की राजनीति में व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।