जौनपुर। अतुल सुभाष (Atul Subhash) के सुसाइड दहेज उत्पीड़न को लेजकर कानूनी प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिये हैं, क्योंकि सुसाइड से पहले अतुल ने 80 मिनट के वीडियो और कई पन्नों के सुसाइड नोट में अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर झूठे दहेज उत्पीड़न मामले में उसे और उसके परिवार को फंसाने का आरोप लगाया है। साथ ही अपने इस खौफनाक कदम के लिए उन्हें ही दोषी ठहराया है। इस बीच पुलिस की पूछताछ से बचने के लिए आरोपी ससुराल वाले बुधवार देर रात घर छोड़कर भागते दिखे।
दरअसल, मृतक अतुल सुभाष के भाई बिकास कुमार की शिकायत पर बेंगलुरू की मराठाहल्ली पुलिस ने पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, पत्नी के भाई अनुराग संघानिया और चाचा सुशील सिंघानिया के खिलाफ BNS की धारा 108 और 3(5) के तहत एफ़आईआर दर्ज की है। इस मामले में पूछताछ के बेंगलुरु पुलिस की एक टीम जौनपुर पहुंच गई है।
हालांकि, पुलिस के पहुंचने सूचना मिलते ही अतुल सुभाष के ससुराल वाले देर रात में घर में ताला लगाकर वहां से निकल गए। पत्नी निकिता सिंघानिया की मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग को भागते हुए देखा गया। इस दौरान जब मीडिया कर्मियों ने अतुल की सास से सवाल किया तो वह हाथ जोड़ती दिखीं और बिना कुछ बोले बाइक पर बैठकर चली गई
दूसरी तरफ, निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया ने कहा, “मुझे मीडिया की खबरों से पता चला कि एफआईआर में मेरा भी नाम है, लेकिन मेरा इससे कोई नाता नहीं है। तलाक मामले की सुनवाई बीते तीन वर्षों से चल रही है और अब ये अचानक सब हुआ है। हमारा परिवार दोषी नहीं है और इस मामले में अदालत फैसला देगी।’ उन्होंने कहा, “सुभाष के आरोप बेबुनियाद हैं। निकिता यहां नहीं है और जब वह आ जाएगी तो वह सारे सवालों के जवाब देगी। मैं उसका चाचा हूं, लेकिन मुझे केस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।”
अतुल ने सुसाइड नोट में जिक्र किया कि कैसे उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके ससुराल वालों ने उन्हें और उनके माता-पिता व भाई को कानून का गलत इस्तेमाल करके प्रताड़ित किया। अतुल ने सुसाइड करने से पहले डेढ़ घंटे का एक वीडियो भी बनाया, जिसमें उन्होंने उन सभी परिस्थितियों का जिक्र किया। पुलिस ने बताया कि अतुल का शव मंजूनाथ लेआउट क्षेत्र में स्थित उनके आवास पर फंदे से लटका मिला।