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Thursday, November 21, 2024

“वो ताकत नहीं बनी जो मन को हिरासत में ले सके” अखिलेश यादव

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यूथ इंडिया, प्रयागराज। प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के दफ्तर के बाहर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं के प्रदर्शन का आज चौथा दिन है। इस दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं बनी है जो किसी के मन को हिरासत में ले सके। आंदोलन तन से नहीं, बल्कि मन से लड़े जाते हैं। जुड़ेंगे तो जीतेंगे।”

प्रदर्शनकारियों का आरोप
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि यूपीपीएससी परीक्षा को दो पाली में आयोजित करने का फैसला अनुचित है। उनका आरोप है कि “नॉर्मलाइजेशन” के नाम पर भेदभाव और पिछले दरवाजे से भर्ती की जा सकती है। छात्रों ने सवाल उठाया कि जब देश के अन्य राज्यों में एक ही पाली में परीक्षाएं हो रही हैं, तो उत्तर प्रदेश में ऐसा क्यों नहीं हो सकता?

गुरुवार सुबह प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि सादी वर्दी में कुछ पुलिसकर्मी आए और 10-11 छात्रों को जबरन उठाकर ले गए। छात्रों का आरोप है कि वे अभी पुलिस की हिरासत में हैं।

अखिलेश का ट्वीट और सरकार पर हमला
अखिलेश यादव ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट किया,
“भाजपा की अहंकारी सरकार अगर ये सोच रही है कि वो इलाहाबाद में UPPSC के सामने से आंदोलनकारी अभ्यर्थियों को हटाकर, युवाओं के अपने हक के लिए लड़े जा रहे लोकतांत्रिक आंदोलन को खत्म कर देगी, तो ये उसकी ‘महा-भूल’ है। आंदोलन तन से नहीं, मन से लड़े जाते हैं और अभी तक वो ताकत दुनिया में नहीं बनी जो मन को हिरासत में ले सके। जुड़ेंगे तो जीतेंगे!”

सरकारी और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
आंदोलन के बढ़ते दबाव के बीच, प्रयागराज के जिलाधिकारी (DM) और पुलिस कमिश्नर ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की, लेकिन गतिरोध अब भी बरकरार है। गुरुवार को छात्रों के गुस्से को शांत करने के लिए आयोग के भीतर बैठक जारी रही। चूंकि शुक्रवार को गुरु नानक जयंती की छुट्टी है और उसके बाद शनिवार और रविवार का अवकाश है, सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए आयोग किसी निर्णय की घोषणा कर सकता है।

राजनीतिक माहौल गर्म
छात्रों के इस आंदोलन ने राजनीतिक पारा बढ़ा दिया है। विरोधी दल भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। वे सवाल उठा रहे हैं कि “वन नेशन, वन इलेक्शन” की बात करने वाली पार्टी एक ही पाली में परीक्षा आयोजित क्यों नहीं कर सकती।

आंदोलन का विस्तार
यह आंदोलन अब प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगा है। छात्रों के समर्थन में अन्य संगठनों के आने की संभावना भी जताई जा रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गंभीर रूप ले सकता है।

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