यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। भाई दूज का त्यौहार नगर में पूरी धूमधाम के साथ मनाया गया बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक करके उनके दीर्घजीवी होने की कामना की बदले में भाइयों ने बहनों को उपहार देकर आशीर्वाद दिया। सर भर में सुबह से ही त्यौहार की धूम मची रही रेलवे स्टेशनों का बस स्टेशनों पर आने-जाने वालों का टाटा आज भी लग रहा भेद के चलते कई बार नागरिकों को जाम का आसान न करना पड़ा।
दीपावली के तुरंत बाद दूज को भाई दूज के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है इसकी कहानी पुराने के अनुसार यम राज और उनकी बहन यमुना की कथा से जुड़ी है।
भाई दूज का त्योहार यमराज और उनकी बहन यमुनाजी की प्रेम कहानी से जुड़ा हुआ है। एक दिन यमराज अपनी बहन के घर मिलने आए। यमुनाजी ने उन्हें प्रेम से आमंत्रित किया और अपने हाथों से उन्हें स्वादिष्ट भोजन कराया। जब यमराज ने भोजन समाप्त किया, तो यमुनाजी ने उनसे कहा कि वे यहां हमेशा रहने के लिए कहें। यमराज ने उन्हें आश्वासन दिया कि जो भी बहन इस दिन अपने भाई का टीका कर उसे भोजन कराएगी, उसके भाई की उम्र लंबी होगी। इस प्रकार भाई दूज का पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक बन गया।
भाई दूज की ये कथाएँ न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाती हैं, बल्कि हमें एक-दूसरे के प्रति प्रेम और स्नेह का एहसास भी कराती हैं। इस दिन भाई और बहन एक-दूसरे के लिए उपहार और मिठाई का आदान-प्रदान करते हैं, जिससे यह पर्व और भी खास बन जाता है।