यूथ इंडिया, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकार और संगठन में जल्द ही बदलाव होने वाले हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई मंत्रियों से नाराज हैं। बीजेपी, यूपी में चुनावी हार को लेकर गंभीर है और आने वाले दिनों में संगठन और सरकार दोनों में परिवर्तन देखने को मिलेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, टीम योगी के कुछ मौजूदा सदस्यों को हटाया जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी कुछ मंत्रियों के प्रदर्शन से असंतुष्ट हैं। संगठन में भी निचले स्तर पर बदलाव की चर्चा है, हालांकि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को अभी काम करने को कहा गया है।
चुनावी नतीजों के बाद से भाजपा में आंतरिक तनाव बढ़ गया है। विभिन्न पार्टी नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किए हैं, कुछ ने संगठन और कुछ ने सरकार की आलोचना की है। भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद से राजनीतिक गतिविधियां और बढ़ गई थीं। केंद्रीय नेतृत्व ने यूपी के नेताओं को किसी भी विवाद से बचने की सलाह दी है और अनावश्यक बयानबाजी रोकने को कहा है।
सूत्रों के अनुसार, योगी मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल हो सकता है। कई मंत्रियों की भूमिका पर सवाल उठे हैं और वे मुख्यमंत्री की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाए हैं। कुछ मंत्रियों के क्षेत्रों में पार्टी चुनाव हार गई है, और उनकी भूमिका भी संतोषजनक नहीं रही। प्रदेश संगठन में भी बदलाव संभव है।
मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी फिर से सरकार का हिस्सा बन सकते हैं। उन्होंने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी, जिसे अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। फिलहाल प्रदेश सरकार विधानसभा के मानसून सत्र और 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी में जुटी है।
बीजेपी में हलचल का कारण रविवार को हुई भाजपा कार्यसमिति की बैठक है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सरकार से बड़ा संगठन बोलकर कई लोगों को निशाने पर लिया था। इसके बाद मौर्य भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने दिल्ली पहुंचे, और उनके पीछे-पीछे प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मिले। इन मुलाकातों ने कई अटकलों को जन्म दिया है, क्योंकि बैठकों में हुई चर्चाओं की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।