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Saturday, December 21, 2024

जिले के सातों ब्लॉक शिक्षा कार्यालयों में भ्रष्टाचार का बोलबाला, ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों की मनमानी से शिक्षा व्यवस्था धराशायी

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यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। जिले के सातों ब्लॉक शिक्षा कार्यालयों में भ्रष्टाचार का जाल फैल चुका है, जहां ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) की मनमानी चरम पर है। इन अधिकारियों द्वारा जारी किए जाने वाले नोटिस और वेतन रोकने की धमकी से शिक्षक परेशान हैं, जिसके बाद उन्हें रिश्वत देकर ही राहत मिलती है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि हर महीने सैकड़ों नोटिस जारी होते हैं, लेकिन रिश्वतखोरी के चलते इन्हें वापस ले लिया जाता है।
भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें
ब्लॉक स्तर पर भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि एक महीने में करीब 200 से 300 नोटिस जारी होते हैं। जिले के सातों ब्लॉकों में हर ब्लॉक से करीब 1000 नोटिस जारी किए जाते हैं, जिनमें प्राथमिक विद्यालयों के समस्त स्टाफ को शामिल किया जाता है। शिक्षकों से 50,000 रुपये तक की वसूली की जाती है, ताकि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न हो। बढ़पुर ब्लॉक में क्वालिटी क्वार्डिनेटर बंशिता गुप्ता जो बिना न्योछावर स्पष्टीकरण नही स्वीकार करती, वहीं कमालगंज ब्लॉक में जो नाम सामने आया है, आज तक उन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
धन उगाही का खेल
हर ब्लॉक में यह खेल अलग-अलग स्तर पर चल रहा है। मोहम्मदाबाद में भारती शाक्य हैं, इनका करीबी एआरपी पूर्व में किसी के साथ रंगरेलियां मनाते पकड़ा गया था।और अन्य ब्लॉकों में भी शिक्षकों से रिश्वत वसूली के मामले सामने आए हैं। यह भ्रष्टाचार न केवल प्रशासनिक स्तर पर, बल्कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा के गिरते स्तर के लिए भी जिम्मेदार है। अध्यापकों की आर्थिक और मानसिक स्थिति पर इसका सीधा असर पड़ रहा है, जिससे छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
डीएम की सख्त चेतावनी
जिले के जिलाधिकारी (डीएम) ने इस पूरे मामले पर सख्त निगाह रखी है और स्पष्ट किया है कि शिक्षा व्यवस्था को बिगाडऩे वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने का आश्वासन दिया है। डीएम का कहना है कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को सजा दी जाएगी।
आंकड़ों में भ्रष्टाचार
प्रति ब्लॉक नोटिस जारी: 200-300 प्रति माह
जिले में कुल नोटिस जारी: लगभग 1000 प्रति माह
प्रति विद्यालय वसूली: रुपये 50,000
प्रमुख अधिकारी जिन पर आरोप हैं
बढ़पुर ब्लॉक: बंशिता गुप्ता
मोहम्मदाबाद: भारती शाक्य
शिक्षा स्तर में गिरावट
भ्रष्टाचार के इस खेल के चलते प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। शिक्षकों की ऊर्जा और ध्यान प्रशासनिक परेशानियों में उलझा हुआ है, जिससे छात्रों की पढ़ाई में भी गिरावट आ रही है। अगर समय रहते इस पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में जिले की शिक्षा व्यवस्था और भी बिगड़ सकती है। शिक्षा क्षेत्र में हो रहे इस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके और शिक्षकों का शोषण रुक सके। डीएम द्वारा की गई सख्त चेतावनी से उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति में सुधार होगा।
जिम्मेदार अधिकारियों की वसूली करने वालों पर शिकंजे की तैयारी
शिक्षा विभाग के सरकारी कर्मियों द्वारा जिम्मेदारों के लिए अवैध वसूली करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। करोड़ों की संपत्तियां बनाने का मामला उजागर हुआ है। जांच रिपोर्ट के अनुसार, इन अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मास्टरों से मोटी रकम वसूली और इसी पैसे से बड़ी संपत्तियां खड़ी की हैं। प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, करीब 10 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्तियां पाई गई हैं। इस मामले में बड़ी जांच शुरू होने वाली है और प्रभारी मंत्री ने भी इस पर सख्त संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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