भगवान शिव और पार्वती माता को समर्पित हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का व्रत आज 6 सितंबर को रखा जा रहा है। इस व्रत में निर्जला रहते हैं और अगले दिन सुबह पूजा करके व्रत का पारण किया जाता है। आपको बता दें कि हरतालिका तीज व्रत में प्रदोष काल में, जब शाम का समय हो तब पूजा की जाती है।
आपको बता दें कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को पूरे दिन व्रत करने के बाद चतुर्थी तिथि को सुबह सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जाता है। इसके लिए चतुर्थी तिथि में सुबह सवेरे उठकर स्नान करके मां पार्वती और शिवजी की पूजा की जाती है।
भगवान को मिष्ठान का भोग लगाया जाता है। इसके बाद व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन तामसिक भोजन यानी प्याज लहसुन आदि न खाएं।
ज्योतिर्विद दिवाकर त्रिपाठी के अनुसार पारण का श्रेष्ठ एवं शुभ समय उदय कालिक चतुर्थी तिथि 7 सितंबर दिन शनिवार को प्रातः होगा। इस दिन आप सुबह 5 बजे से 6 बजे तक पूजा कर इसके बाद व्रत का पारण कर सकते हैं। व्रत के पारण में सबसे पहले जल पिएं और फिर शिव जी को चढ़ाया हुआ प्रसाद मीठा खाएं।
हरतालिका तीज (Hartalika Teej) पूजा का मुहूर्त
मान्यता है कि तृतीया तिथि में हस्त नक्षत्र की उपस्थिति होने पर पूजा करने से हरितालिका तीज व्रत का पूर्ण शुभ फल प्राप्त होता है
चर चौघड़िया मुहूर्त: सुबह में 05:47 बजे से 07:20 बजे तक
लाभ चौघड़िया मुहूर्त:सुबह में 7:20 बजे से 08:54 बजे तक
अमृत चौघड़िया मुहूर्त:सुबह में 8:54 बजे से 10:27 बजे तक
शुभ मुहूर्त: दोपहर में 12:00 बजे से 01:34 बजे तक
चर-सामान्य मुहूर्त: शाम में 04:40 बजे से 06:13 बजे तक