बाराबंकी: रामस्वरूप यूनिवर्सिटी (Ram Swarup University) में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज (lathicharge) के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस प्रकरण में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने इस घटना को गंभीर बताते हुए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
हाल ही में रामस्वरूप यूनिवर्सिटी में छात्रों ने फीस वृद्धि, अवैध निर्माण और शिक्षा व्यवस्था में अनियमितताओं के खिलाफ आंदोलन किया था। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए छात्रों पर लाठीचार्ज किया, जिसमें कई छात्र घायल हो गए। इस कार्रवाई को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों और विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी और मामले को मानवाधिकार उल्लंघन करार दिया था।
आयोग ने कहा कि छात्रों पर इस तरह की कार्रवाई नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि पुलिस बल प्रयोग की आवश्यकता क्यों पड़ी, किन हालात में लाठीचार्ज हुआ और घायल छात्रों को क्या चिकित्सीय सहायता दी गई। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने लाठीचार्ज की निंदा की है। उनका कहना है कि भाजपा सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार के बजाय छात्रों की आवाज दबाने का काम कर रही है।
आयोग की ओर से साफ किया गया है कि यदि रिपोर्ट संतोषजनक नहीं पाई गई, तो मामले में विस्तृत सुनवाई होगी और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है।